पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए प्रवासियों ने दिल्ली में शुक्रवार
को जम कर प्रदर्शन किया और पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड तोड़ दिए। ये लोग नागरिकता संशोधन
कानून का विरोध कर रहे इंडिया ब्लॉक और कांग्रेस नेताओं के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।
इंडिया गठबंधन द्वारा सीएए पर दिए जा रहे बयानों पर प्रदर्शनकारियों ने आपत्ति जताई। प्रदर्शनकारियों
ने हाथों में प्लेकार्ड लेकर अपना विरोध दर्ज कराया। इस बीच कई प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस कार्यालय की
ओर भी रूख किया।
कांग्रेस कार्यालय के पास विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया था जहां पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारियों
के बीच भारी तनाव देखन को मिला, जिसे ध्यान में रखते हुए बड़ी संख्या में पुलिसबलों को तैनात किया
गया।
कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए भारी संख्या में पुलिसबल और रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात
किया गया। कांग्रेस मुख्यालय की ओर शरणार्थियों के मार्च को रोकने के लिए पुलिस ने कई स्तरों पर
बैरिकेड्स लगाए थे।
पाकिस्तान से भारत आने वाले ब्रिज लाल ने कहा, “हम अपनी मां और बेटियों को महफूज रखने के लिए
पाकिस्तान से भागकर यहां आए। हमने कई अत्याचार देखे और इन नेताओं ने हमारा विरोध किया। वहीं,
अब जब हमें केंद्र की मोदी सरकार सीएए के तहत नागरिकता देने का रास्ता तैयार कर रही है, तो
अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी और राहुल गांधी जैसे नेता इसका विरोध कर रहे हैं।”
इससे पहले वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा के सदस्य जयराम रमेश ने सीएए को लागू करने के
समय पर चिंता जताई थी।
कांग्रेस ने इस बात पर जोर दिया कि इस कानून ने संवैधानिक सिद्धांत से हटकर विवाद पैदा कर दिया
है। नागरिकता का निर्धारण धर्म के आधार पर नहीं किया जाना चाहिए।
गुरुवार को अफगानिस्तान और पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों ने सीएए पर अरविंद केजरीवाल
द्वारा दिए गए बयान के विरोध में अपना रोष जताया था और उनके आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन भी
किया था।
काफी सारे हिंदू और सिख शरणार्थी राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में रह रहे हैं, जो हाथों में तख्तियां
लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। दरअसल, प्रदर्शनकारी सीएम
केजरीवाल से सीएए पर दिए गए उनके बयान को लेकर माफी की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का
स्पष्ट कहना है कि सीएए पर सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा दिया गया बयान अनुचित है।