दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय दो साल में 22 प्रतिशत बढ़कर चालू वित्त
वर्ष में 4.61 लाख रुपये हो गयी। शुक्रवार को पेश राज्य आर्थिक समीक्षा में यह जानकारी दी गई।
दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने विधानसभा में वित्त वर्ष 2023-24 की आर्थिक समीक्षा पेश करते हुए
कहा कि दिल्ली सरकार के सुचारू कामकाज में पैदा हुई बाधाओं के बावजूद इसकी प्रति व्यक्ति आय में
बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अगले वित्त वर्ष 2024-25 के लिए राज्य का बजट चार मार्च को
विधानसभा में पेश किया जाएगा।
उन्होंने आर्थिक समीक्षा का ब्योरा देते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2023-24
में मौजूदा कीमतों पर दिल्ली का जीएसडीपी (सकल राज्य घरेलू उत्पाद) 11,07,746 करोड़ रुपये तक
पहुंचने की संभावना है, जो 2022-23 की तुलना में 9.17 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2022-23 में
दिल्ली की जीएसडीपी 10.14 लाख करोड़ रुपये थी।
आतिशी ने कहा कि कोविड के बाद के दौर में दिल्ली की वास्तविक जीएसडीपी 2021-22 में 8.76
प्रतिशत और 2022-23 में 7.85 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जो देश के बाकी हिस्सों के मुकाबले तेज है।
उन्होंने कहा, ‘दिल्ली की जनसंख्या भारत की जनसंख्या का 1.5 प्रतिशत है, जबकि इसकी जीएसडीपी
का भारत की जीडीपी में लगभग 3.9 प्रतिशत योगदान है।’
वित्त वर्ष 2021-22 में दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय 3,76,217 रुपये थी, जो 2023-24 में बढ़कर
4,61,910 रुपये हो गई। इस तरह दो वर्षों में 22 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि
जनवरी-दिसंबर 2023 में दिल्ली की मुद्रास्फीति दर 2.81 प्रतिशत थी जबकि इसी अवधि में राष्ट्रीय
मुद्रास्फीति दर 5.65 प्रतिशत थी।
मंत्री ने कहा कि दिल्ली मुफ्त बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिलाओं के लिए बस यात्रा, बुजुर्गों के
लिए तीर्थ यात्रा की सुविधा देती है और अभी भी यह राजस्व अधिशेष के साथ एक बढ़ती हुई
अर्थव्यवस्था है।