संगलदान से चली पहली ट्रेन, लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं

जम्मू-कश्मीर में रामबन जिले के सुदूरवर्ती कस्बे
संगलदान में मंगलवार को जश्न का माहौल रहा। कस्बे के निवासियों को रेलगाड़ी की सौगात मिलने से
उनकी जिन्दगी बहुत आसान हो गई है और उनके चेहरे पर खुशी साफ झलक रही है।


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू में एक जनसभा में कश्मीर घाटी को शेष भारत से जोड़ने वाली श्री माता
वैष्णो देवी कटरा से बानिहाल के बीच के 111 किलोमीटर के निर्माणाधीन खंड में बानिहाल से खड़ी,
सुम्बड़ के रास्ते संगलदान तक 48 किलोमीटर के खंड के साथ ही संगलदान से बारामूला तक करीब 185
किलोमीटर की लाइन के विद्युतीकरण का लोकार्पण किया और श्रीनगर से संगलदान तक घाटी की इस
पहली विद्युत चालित ट्रेन का शुभारंभ किया।


फूल मालाओं, गुब्बारों और तिरंगे से सजी डेमू ट्रेन के शुभारंभ के मौके पर डीडीसी और बीडीसी के
प्रतिनिधिगण, प्रशासन एवं सुरक्षा बलों के अधिकारीगण भी स्टेशन पर उपस्थित थे। स्टेशन पर एक
स्क्रीन पर जम्मू में मौलाना आजाद स्टेडियम में आयोजित समारोह तथा श्रीनगर, पुलवामा, पुंच्छ में
आयोजित कार्यक्रमों का वीडियो लिंक से सजीव प्रसारण किया जा रहा था।


नई लाइन के चालू होने और विद्युतीकृत ट्रैक के उद्घाटन के साथ ही कश्मीर घाटी में बारामूला से
संगलदान तक 20 स्टेशनों वाले इस सेक्शन में स्वच्छ ईंधन से रेल परिवहन का नया इतिहास लिख
गया। कश्मीर घाटी को शेष भारत से जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग सर्दियों और बरसात में हिमपात और
भूस्खलन के कारण अक्सर बाधित हो जाता है और कभी-कभी कई दिनों तक रास्ता बंद हो जाता है।
रेलवे लाइन का अधिकांश भाग सुरंगों में होने के कारण यह हर मौसम में निर्बाध यातायात सुनिश्चित
करेगी।


ट्रेन में सवार 12वीं कक्षा के छात्रों ने राष्ट्रीय मीडिया के प्रतिनिधियों से बात करते हुए कहा कि वे बहुत
खुश हैं। उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा है कि उनके शहर में ट्रेन आ गयी है। ट्रेन में सवार एक सेवानिवृत्त
सरकारी डाक्टर मोहम्मद असलम मलिक ने कहा कि वह बेहद खुश हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को
शुक्रिया अदा किया।

उनकी पत्नी शरीफा बेगम भी ट्रेन में सवार थीं जो सेकेंडरी स्कूल में शिक्षिका हैं।
शिक्षक जाफर हुसैन शाह और कुलदीप सिंह ने भी कहा कि ट्रेन सेवा से संगलदान के लोगों की तरक्की
के मौके खुल गए हैं। इसके लिए प्रधानमंत्री को बहुत-बहुत धन्यवाद।

इससे हमारी जिन्दगी कितनी आसान हो गई है। मोहम्मद जफर ने कहा कि संगलदान से कटरा के लिए
टैम्पो ट्रैवलर से साढ़े तीन घंटे लगते हैं लेकिन संगलदान से कटरा की लाइन खुलने पर उन्हें 45 से 50
मिनट का समय लगेगा।


श्री मोदी ने जम्मू में जन समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, “अब हमने विकसित जम्मू-कश्मीर का
संकल्प लिया है। मुझे आप पर विश्वास है कि हम विकसित जम्मू-कश्मीर बनाकर रहेंगे। 70 साल से
अधूरे, आपके सपने आने वाले कुछ ही वर्षों में मोदी पूरे करके देगा।”


रेल मंत्रालय ने कहा कि बानिहाल-खड़ी-सुम्बड़-संगलदान सेक्शन के बीच नई रेल लाइन से आस-पास के
क्षेत्रों में रेल कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी, जिससे स्थानीय लोगों को आवागमन में सुविधा होगी, साथ ही
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा। इस खंड पर इलेक्ट्रिक ट्रेन का शुभारंभ होने से क्षेत्र में सुगम रेल कनेक्टिविटी
उपलब्ध होगी, जिससे पूरे क्षेत्र के सामाजिक -आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। संगलदान और
बारामूला स्टेशन के बीच डेमू ट्रेन सेवा शुरू होने से स्थानीय किसानों, व्यापारियों, कारीगरों और छात्रों को
परिवहन की बेहतर सुविधा मिलेगी।


उल्लेखनीय है कि बानिहाल से श्रीनगर होते हुए बारामूला तक लगभग 138 किलोमीटर का खंड तथा
ऊधमपुर से श्री माता वैष्णो देवी कटरा तक करीब 23 किलोमीटर का खंड पहले ही बन चुका है।
बानिहाल श्रीनगर बारामूला खंड पर डीजल चालित डेमू ट्रेन चलती है। हाल ही में इस खंड का
विद्युतीकरण पूरा हो चुका है

जबकि बानिहाल से कटरा के बीच निर्माणाधीन लाइन का विद्युतीकरण
साथ-साथ चल रहा है। खड़ी और सुम्बड़ के बीच भारत की सबसे लंबी 12.77 किलोमीटर की परिवहन
सुरंग टी-50, भी इसी खंड में स्थित है।


रामबन जिला मुख्यालय के पास स्थित शहर संगलदान से बानिहाल के खंड में कुल 16 पुल हैं, जिनमें
11 प्रमुख पुल, 4 छोटे पुल और एक रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) शामिल हैं। इस खंड का 90 प्रतिशत से
अधिक हिस्सा सुरंगों में है, जिसमें कुल 11 सुरंगें हैं जो 43.37 किलोमीटर की लंबाई में हैं, जिसमें देश
की सबसे लंबी परिवहन सुरंग, टी -50 भी शामिल है, जो खड़ी-सुम्बर खंड में 12.77 किलोमीटर लंबी है।


सुरक्षा और बचाव के लिए, 3 एस्केप सुरंगें हैं, जिनकी कुल लंबाई 30.1 किलोमीटर है। इसके अतिरिक्त,
इस खंड में 23.72 किलोमीटर तक फैले 30 मोड़ शामिल हैं। यात्री सुरक्षा और आराम को और बढ़ाने के
लिए, कई उन्नत सुविधाओं को शामिल किया गया है।

भारतीय रेलवे के लिए पहली बार बैलास्टलेस ट्रैक
और कैंटेड टर्नआउट, मानक-2 (आर) इंटरलॉकिंग एमएसीएलएस और एलईडी सिग्नल, केंद्रीकृत
इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग, यूएफएसबीआई (यूनिवर्सल) के साथ काम करने वाला ब्लॉक फेल सेफ ब्लॉक
इंस्ट्रूमेंट और हाई अवेलेबिलिटी सिंगल सेक्शन डिजिटल एक्सल काउंटर, सीसीटीवी मॉनिटरिंग और


वेंटिलेशन, फायरफाइटिंग सिस्टम और पर्यवेक्षी नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण सहित अत्याधुनिक सुरंग
सुरक्षा तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। यह भी दिलचस्प तथ्य है कि इस खंड पर सभी स्टेशन यार्ड
या तो पुलों पर या सुरंगों में फैले हुए हैं।

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