गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट पुलिस की ओर बड़ी खबर सामने आ रही है।
पुलिस के मुताबिक, काफी दिनों से फरार चल रहे स्क्रैप माफिया रवि काना के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की
गई है। नोएडा पुलिस ने रवि काना और उसके सहयोगी को भगोड़ा घोषित कर दिया है। इसी कड़ी में
रवि काना और उसके सहयोगी महकी के खिलाफ गौतमबुद्ध नगर कोर्ट द्वारा धारा 82 के तहत नोटिस
की छाया प्रति उनके घर पर चस्पा कर मुनादी की कार्रवाई नोएडा पुलिस द्वारा कराई गई। बता दें, रवि
काना पर कोतवाली सेक्टर-39 क्षेत्र में युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज है। इस मामले में
स्क्रैप माफिया रवि काना और उसके साथी फरार चल रहे हैं।
क्या है मामला
स्क्रैप माफिया और गैंगस्टर रवि काना समेत पांच के खिलाफ करीब एक माह पहले एक युवती ने
सामूहिक दुष्कर्म करने का मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप है कि रवि काना व उसके सहयोगियों ने जून
2023 में नौकरी के लिए जीआईपी मॉल में बुलाया था। मॉल की पार्किंग में युवती के साथ हथियार के
बल पर सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। विरोध करने पर आरोपितों ने युवती को जान से मारने की
धमकी दी।
युवती का यह भी आरोप है कि इन लोगों ने घटना का वीडियो भी बनाया और उसे सोशल
मीडिया पर वायरल करने की धमकी भी दी। इसके बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल
भेज दिया था। तब से दनकौर थाना क्षेत्र के गांव दादूपुर के रवि काना उर्फ रविंद्र और उसके साथी महकी
की खोजबीन में पुलिस जुटी है। शनिवार को पुलिस ने दोनों के गांव जाकर घरों पर भगोड़ा घोषित करने
का नोटिस चस्पा किया। इसके बाद पुलिस ने मौके पर मुनादी कराई।
ऐसे हुई कार्रवाई
गौतमबुद्ध न्यायालय के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा थाना 39 नोएडा पर पंजीकृत मुकदमा अपराध
संख्या 896/23 धारा 376डी/506 आईपीसी व एससी/एसटी एक्ट में वांछित अभियुक्त रवि काना उर्फ
रविंद्र पुत्र यतेंद्र निवासी दादूपुर थाना दनकौर गौतमबुद्ध नगर और महकी पुत्र जगपाल निवासी दादूपुर
थाना दनकौर जनपद गौतमबुद्ध नगर, जो कि काफी लंबे समय से फरार चल रहे हैं। इनके खिलाफ
धारा 82 सीआरपीसी की कार्रवाई की गई। साथ ही धारा 82 सीआरपीसी के नोटिस की छाया प्रति
अभियुक्त के प्रतिष्ठानों पर चस्पा कर मुनादी की कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
क्या कहती है सीआरपीसी की धारा 82
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 82 के अनुसार, (1) यदि किसी न्यायालय को साक्ष्य लेने के पश्चात् या
लिए बिना यह विश्वास करने का कारण है कि कोई व्यक्ति जिसके विरुद्ध उसने वारंट जारी किया है,
और वो फरार हो गया है,
या अपने को छिपा रहा है, जिससे ऐसे वारंट का निष्पादन नहीं किया जा
सकता तो ऐसा न्यायालय उससे यह अपेक्षा करने वाली लिखित उद्घोषणा प्रकाशित कर सकता है कि
वह व्यक्ति विनिर्दिष्ट स्थान में और विनिर्दिष्ट समय पर, जो उस उद्घोषणा के प्रकाशन की तारीख से
कम से कम तीस दिन पश्चात् का होगा
, हाजिर हो जाए। सरल भाषा में सीआरपीसी की धारा 82 के
मुताबिक, वह व्यक्ति जो किसी अपराध या किसी कर्ज की वजह से बच निकलने के मकसद से कहीं
फरार हो जाता है या भाग जाता है, तो अदालत उसके फरार हो जाने की उद्घोषणा करती है। इस धारा
में केवल वह फरार व्यक्ति के बारे में उद्घोषणा करने को बताती है।
अब होगी कुर्की की कार्रवाई
एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि अगर आरोपियों की गिरफ्तारी जल्द नहीं हुई तो भगोड़ा घोषित करने
के बाद इनके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा। दोनों आरोपियों की चल-अचल संपत्ति
की सूची बनाई जा रही है। बता दें कि अटकलें यह भी हैं कि दोनों आरोपी केस दर्ज होने के बाद नेपाल
के रास्ते विदेश भाग गए हैं।