महाराष्ट्र में ठाणे जिले में भूमि विवाद को लेकर भारतीय जनता पार्टी
(भाजपा) के एक विधायक द्वारा शिवसेना के एक नेता को गोली मारकर घायल किये जाने के बाद राज्य
में विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के इस्तीफे की शनिवार को मांग की।
भाजपा और शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा हैं।
कांग्रेस ने दावा किया कि यह घटना राज्य में कानून-व्यवस्था के ‘खराब होने’ की ओर इशारा करती है,
जबकि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने कहा कि इसके लिए शिंदे ‘जिम्मेदार’ हैं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार ने इसे चिंताजनक बताया और कहा कि सत्ता के
‘दुरुपयोग’ की भी एक सीमा होती है।
उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया को बताया कि उन्होंने गोलीबारी की घटना की एक उच्च
स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं, जबकि उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों
का कानून को अपने हाथ में लेना गलत है।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दत्तात्रेय शिंदे ने मीडिया को बताया कि कल्याण से भाजपा के विधायक गणपत
गायकवाड़ ने शुक्रवार रात ठाणे जिले के उल्हासनगर में एक पुलिस थाने के अंदर कल्याण के शिवसेना
प्रमुख महेश गायकवाड़ पर गोली चला दी।
उल्हासनगर कल्याण संसदीय क्षेत्र में आता है, जिसका प्रतिनिधित्व वर्तमान में मुख्यमंत्री शिंदे के बेटे
श्रीकांत शिंदे करते हैं।
गणपत गायकवाड़ ने अपनी गिरफ्तारी से पहले एक समाचार चैनल से फोन पर बात करते हुए आरोप
लगाया कि मुख्यमंत्री शिंदे महाराष्ट्र में ‘अपराधियों का साम्राज्य’ स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने गोलीबारी को ‘बेहद गंभीर और चिंताजनक’ बताया।
चव्हाण ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि उल्हासनगर के हिल लाइन पुलिस थाने
की घटना न केवल कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि न्याय प्रदान करने में राज्य सरकार की
विश्वसनीयता और जिम्मेदारी पर भी सवालिया निशान लगाती है।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने गोलीबारी के लिए ”सत्ता का अहंकार” और
”प्रतिशोध की राजनीति” को जिम्मेदार ठहराया और शिंदे पर राज्य में भीड़ संस्कृति को ”प्रोत्साहित”
करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ”कानून-व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है।”
वडेट्टीवार ने कहा कि शिंदे ने उद्धव ठाकरे को धोखा दिया और वह भाजपा के साथ भी ऐसा ही करेंगे।
उन्होंने दावा किया, ”गणपत गायकवाड का यह बयान कि शिंदे का बेटा भ्रष्टाचार में लिप्त है और देवेंद्र
फडणवीस और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से शिकायत करने के बावजूद कुछ नहीं हुआ, चौंकाने वाला है।
यह ‘महा युति’ (सत्तारूढ़ गठबंधन) का असली रंग दिखाता है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, उनकी
आंतरिक कलह भी बढ़ेगी।”
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि भाजपा विधायक द्वारा मुख्यमंत्री पर लगाए गए
आरोप गंभीर हैं और उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने गोलीबारी की घटना के लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया और
दावा किया कि महाराष्ट्र में सरकार भीड़तंत्र और ‘गुंडागिरी’ के जरिए बनाई गई है।
राउत ने संवाददाताओं से कहा, ”यह घटना मुख्यमंत्री के जिले में हुई है और वह इसके लिए जिम्मेदार
हैं। गायकवाड ने एकनाथ शिंदे को दोषी ठहराया है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कार्यालय से जेल में बंद अपराधियों को फोन किये जा रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि चुनावों में सत्तारूढ़ पार्टी की मदद के लिए ठाणे, मुंबई और कोल्हापुर की जेलों से
अपराधियों को जमानत पर रिहा किया जा रहा है।
गणपत गायकवाड ने अपनी गिरफ्तारी से पहले कहा, ”शिंदे साहब ने उद्धव साहब को धोखा दिया, वह
भाजपा को भी धोखा देंगे… उन पर मेरे करोड़ों रुपये बकाया हैं। अगर महाराष्ट्र को सुव्यवस्थित करना है
तो शिंदे को इस्तीफा दे देना चाहिए। यह देवेंद्र फडणवीस (उप मुख्यमंत्री) और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से
मेरा विनम्र अनुरोध है।”
राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने गोलीबारी को चिंताजनक बताया और कहा कि सत्ता के ‘दुरुपयोग’ की भी
एक सीमा होती है। पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने सवाल किया कि क्या गृहमंत्री
(उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस) ने भाजपा नेताओं को कानून-व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने का खुला
लाइसेंस दे दिया है।
उन्होंने आरोप लगाया, ”पुणे में, भाजपा के एक विधायक ने सार्वजनिक रूप से एक पुलिस अधिकारी को
थप्पड़ मारा, जबकि उल्हासनगर में, भाजपा के एक अन्य विधायक ने एक पुलिस थाने में एक पूर्व पार्षद
पर गोली चला दी। मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री चुप हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र को राज्य
सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए।
राकांपा के (अजित पवार गुट के नेता) छगन भुजबल ने सुले के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा,
‘क्या फडणवीस ने विधायक से गोली चलाने के लिए कहा था?”
राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाईड क्रैस्टो ने कहा कि फडणवीस को इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने दावा
किया कि वह राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के
नेताओं और अपराधियों को लगता है कि वे अपराध कर सकते हैं और बच सकते हैं।
क्रैस्टो ने कहा कि भाजपा के एक विधायक ने कुछ दिन पहले अपने कार्यकर्ताओं से कहा था कि ‘जो
चाहो करो और कानून से मत डरो, क्योंकि मुंबई में ‘सागर’ बंगले में कोई रहता है, जो आपकी देखभाल
करेगा।” सागर बंगला उप मुख्यमंत्री फडणवीस का आवास है।
क्रैस्टो ने एक बयान में कहा कि इस तथ्य से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को एहसास होना चाहिए कि उनके
और उनके सहयोगी के बीच सब कुछ ठीक नहीं है कि भाजपा के एक विधायक ने शिवसेना के शिंदे गुट
के एक कार्यकर्ता को गोली मार दी।
उन्होंने कहा, ”अगर (उनमें) कोई स्वाभिमान बचा है, तो उन्हें सरकार छोड़ देनी चाहिए और महाराष्ट्र के
लोगों को आश्वस्त करना चाहिए कि वह इस तरह की अराजकता का समर्थन नहीं करते हैं।” उन्होंने
साथ ही फडणवीस के इस्तीफे की भी मांग की।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा कानून को अपने हाथ में लेना गलत
है। पवार ने संवाददाताओं से कहा, ”मैं इस मुद्दे पर देवेंद्र फडणवीस के साथ चर्चा करूंगा।”
इसी बीच, फडणवीस ने कहा कि उन्होंने इस गोलीकांड की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने
कहा कि जांच से पता चलेगा कि विधायक ने किस कारण और किन परिस्थितियों में गोली चलायी।