प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व रामलला विग्रह की पूजन प्रक्रिया शुरु

रामनगरी अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर के गर्भगृह में
शुक्रवार सुबह आसन पर विराजमान रामलला विग्रह की मनमोहक श्यामल प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा से
पहले अनुष्ठान की प्रक्रिया देश भर से यहां पधारे 121 प्रकांड विद्वानों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच शुरु
की।

काशी से पधारे आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित,अरुण दीक्षित,सुनील दीक्षित,अशोक वैदिक,पुरुषोत्तम वैदिक के
अलावा महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश,तमिलनाडु समेत देश के विभिन्न प्रांतो के 121 पंडितों ने प्रात:काल नौ बजे
अरणिमन्थन से अग्नि प्रकट करायी। इसके पहले गणपति आदि स्थापित देवताओं का पूजन, द्वारपालों
द्वारा सभी शाखाओं का वेदपारायण, देवप्रबोधन, औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास, कुण्डपूजन,
पञ्चभूसंस्कार संपन्न हुआ।


अरणिमन्थन द्वारा प्रगट हुई अग्नि की कुण्ड में स्थापना, ग्रहस्थापन, असंख्यात रुद्रपीठस्थापन,
प्रधानदेवतास्थापन, राजाराम – भद्र – श्रीरामयन्त्र – बीठदेवता – अङ्गदेवता – आवरणदेवता – महापूजा,
वारुणमण्डल, योगिनीमण्डलस्थापन, क्षेत्रपालमण्डलस्थापन, ग्रहहोम, स्थाप्यदेवहोम, प्रासाद वास्तुश्शान्ति,
धान्याधिवास सायंकालिक पूजन एवं आरती की जायेगी।


श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार राम मंदिर के गर्भगृह में आज रामलला विग्रह को
औषधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास और सायंकाल धान्याधिवास को मंत्रोच्चार के साथ सम्पन्न कराया
जा रहा है। इस अनुष्ठान में काशी के श्रद्धेय गणेश शास्त्री, द्रविड़ एवं प्रमुख आचार्य श्री लक्ष्मीकांत
दीक्षित शामिल हैं।

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