सिलक्यारा सुरंग में फंसे बिहार के श्रमिकों के परिजनों को उनके जल्द निकलने की उम्मीद

उत्तराखंड में सिलक्यारा सुरंग में फंसे बिहार के श्रमिकों के परिजनों को
उनके जल्द सकुशल निकलने की उम्मीद है।


उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा में के निर्माणाधीन सुरंग के एक हिस्से के ढह जाने की वजह
से पिछले 13 दिनों से फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए प्रयास जारी हैं। यह सुरंग प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदी की महत्वाकांक्षी ‘चार धाम’ परियोजना का हिस्सा हैइन श्रमिकों में से पांच बिहार के हैं, जिनके परिजन बचाव अभियान के हर घटनाक्रम पर नजर रख हैं।

राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, सुरंग में फंसे बिहार के श्रमिकों की पहचान सबा अहमद, सोनू
शाह, वीरेंद्र किस्कू, सुशील कुमार और दीपक कुमार के रूप में हुई है।
दीपक कुमार की मां उषा देवी ने मुजफ्फरपुर जिले में अपने घर पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब से हमें
पहली बार खबर मिली है, तब से मैं सदमे में हूं। करीब दो सप्ताह से हम सुन रहे हैं कि मेरे बेटे को
आज बचा लिया जाएगा, लेकिन वह आज कभी नहीं आता।’’

वह अपने बेटे सबा के सकुशल निकल आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
मिस्बाह ने कहा, ‘‘जब हमें उसी परियोजना पर काम कर रहे परिवार के एक अन्य सदस्य से पहली बार
इस घटना के बारे में खबर मिली तो हम सन्न रह गए।’’


उन्होंने कहा, ‘‘हमने सुरंग के अंदर फंसे मेरे बेटे की आवाज की रिकॉर्डिंग सुनी। वह थका हुआ, लेकिन
आशावादी लग रहा था। बहरहाल, हमारे लिए बचाव अभियान अब अपने आप में कोई सांत्वना नहीं है।
मेरा बेटा परिवार का एकमात्र कमाने वाला है।’’


उन्होंने कहा, ‘‘हम लगातार प्रार्थना कर रहे हैं कि मेरे भाई की कठिन परीक्षा समाप्त हो और उसकी
पत्नी की तपस्या सफल हो। बचाव अधिकारियों ने एक बार पत्नी की वीरेंद्र से फोन पर बात कराने में
मदद की थी।’’

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