Noida केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) को ‘दांतों’ की ज़रूरत – RTI

Noida – केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण , को सं 2019 में सरकार द्वारा उपभोक्ताओं के अधिकारों के लिए बनाया गया था के कार्यों को लेकर शहर के समाजसेवी श्री रंजन तोमर द्वारा लगाई गई आरटीआई से कई खुलासे हुए हैं , जिसके बाद यह बहस शुरू हो गई है की क्या प्राधिकरण को ‘दांतों’ की ज़रूरत है या आम लोगों तक इसकी जानकारी कम है। आंकड़े कुछ इसी ओर इशारा करते हैं।

गौरतलब है की 2019 से लेकर कितनी शिकायतें प्राधिकरण को मिली इसकी जानकारी प्राधिकरण के पास नहीं है , यह बात गले नहीं उतरती , दूसरे सवाल में श्री तोमर ने जानकारी मांगी की कितने केस प्राधिकरण ने स्वतः संज्ञान लेकर शुरू किये जिसके जवाब में यह जानकारी दी गई है की आजतक प्राधिकरण ने 314 नोटिस जारी किये हैं किन्तु इस बाबत भी जानकारी संकलित नहीं है की इनमें से स्वतः संज्ञान के कितने केस हैं।


तीसरे प्रश्न में श्री तोमर ने पूछा था की कुल कितने केस शुरआत से आजतक प्राधिकरण में दाखिल हुए थे , इसका भी जवाब पूर्णतयः दिया नहीं गया है , प्राधिकरण कहता है की कुल 102 केसों में ही आजतक अंतिम आदेश हुए हैं।अंतिम सवाल में पूछा गया था की कितने केसों में जुर्माना लगाया गया है , जिसके जवाब में प्राधिकरण कहता है की कुल 41 केसों में ही जुर्माना लगाया गया है।


इन जानकारियों से यह साफ़ है की आम जनता को इस तरह के प्राधिकरण की जानकारी कम है , इसलिए शिकायतें भी कम ही जा रही हैं , इसके अलावा प्राधिकरण का रवैया भी कहीं न कहीं थोड़ा ढीला है जो केसों के स्वतः संज्ञान नहीं लिए जा रहे जबकि इसके मुख्य उद्देश्यों में ही स्वतः संज्ञान की शक्ति दी गई है , सरकार को चाहिए की प्राधिकरण के बारे में जानकारी पहुंचाने में अपना योगदान दे तभी उपभोक्ता शक्ति शाली बन पायेगा

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