शाहबाद डेरी इलाके की बंगाली बस्ती स्थित झुग्गियों में रविवार देर
रात आग लग गई। इसमें करीब 150 झुग्गियां जलकर राख हो गईं। हादसे में किसी के हताहत होने की
सूचना नहीं है। पुलिस की प्राथमिक जांच में चूल्हे से निकली चिंगारी से आग लगने की बात सामने आई
है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि शाहबाद गांव के रोहिणी सेक्टर-28 में डेढ़ सौ झुग्गियों के समूह में
एक हजार के आसपास लोग रहते हैं। इन लोगों का काम कूड़ा जमा करना और इसके बाद कबाड़ी को
बेचना है। कुछ लोग कबाड़ खरीदने का भी काम करते हैं। इसकी वजह से काफी बड़े क्षेत्र में कबाड़ भी
फैला हुआ है।
स्थानीय निवासी 60 वर्षीय यार मोहम्मद ने बताया कि सभी लोग रात को काम से लौटकर झुग्गी में
आराम कर रहे थे। यहां के लोग भोजन अमूमन झुग्गी के बाहर पकाते हैं। इसी दौरान कुछ बच्चे चूल्हे
से पॉलीथीन में आग लगाकर खेल रहे थे। तभी आग झुग्गी और कबाड़ में फैल गई। आग लगने के
समय बड़ी संख्या में लोग झुग्गियों में सो रहे थे। वे सभी शरीर पर पड़े वस्त्र को पहन कर जान बचाने
के लिए भागे।
तभी करीब सवा 10 बजे घटना की सूचना दमकल और पुलिस को दी गई। इसके साथ ही
स्थानीय लोग आग बुझाने के काम में जुट गए। दमकल की 15 गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग
बुझाने के काम में जुट गईं। दमकल कर्मियों ने एक घंटे के अंदर आग पर काबू पा लिया, लेकिन तब
तक डेढ़ सौ झुग्गियां जलकर राख हो गईं थी।
स्थानीय निवासी जहांआरा ने बताया कि तंग गलियों की वजह से दमकल कर्मियों को आने में दिक्कत
हुई। हालांकि, स्थानीय एसएचओ राजीव रंजन और अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंच कर बचाव कार्य में
जुट गए थे। ट्रैफिक और स्थानीय पुलिसकर्मियों ने रास्ता साफ कराया, जिसके बाद दमकलकर्मी
घटनास्थल तक पहुंचे। आग बुझने के बाद करीब छह घंटे तक तलाशी अभियान चलाया गया, लेकिन
किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली।
सरकार से मदद की गुहार : ठंड की रात होने की वजह से लोगों को खुले आसमान के नीचे सोने की
नौबत आ गई थी।
स्थानीय पुलिस ने टेंट आदि की व्यवस्था की। इसके अलावा स्थानीय लोगों की मदद
से भोजन की भी व्यवस्था कराई गई। वहीं यार मोहम्मद ने बताया कि इस हादसे में सब कुछ जलकर
राख हो गया है। अब नए सिरे से जिंदगी शुरू करनी होगी। इन लोगों के सभी जरूरी दस्तावेज, फोन
और बैंक कागज सब जलकर राख हो गए हैं। ऐसे में उन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई है।