सेक्टर-4ए में कोरियन और सेक्टर-5ए में जापानी सिटी को बसाएगा यीडा

यमुना प्राधिकरण की निवेश को लेकर जापानी और कोरियन
कंपनियों के सकारात्मक रुख को देखते हुए उनके लिए अलग से शहर बसाने की तैयारी है। जापानी व
कोरियन कंपनियां चाहती हैं कि उन्हें जेवर एयरपोर्ट के पास बड़ा लैंड पार्सल मिले जहां वे अपनी छोटी-
बड़ी परियोजनाएं लगा सकें। यीडा कोरियन के लिए 365 हेक्टेयर व जापानी सिटी के 395 हेक्टेयर भूमि
अधिग्रहित की जाएगी।


एक अधिकारी ने बताया कि जेवर एयरपोर्ट के पास सेक्टर-4ए में कोरियन और सेक्टर-5ए में जापानी
सिटी को विकसित करने का प्रस्ताव रखा गया है। यह दोनों शहर पहले सेक्टर-10 एवं 32 में बसाने की
तैयारी थी

, लेकिन अब इनके लिए सेक्टर-4ए और 5ए में भूमि चिह्नित कर ली गई है। यहां निवेश के
तौर पर क्षेत्र में इलेक्ट्रानिक्स कंपनियां आएंगी। खासतौर पर सेमीकंडक्टर, एआई (आर्टीफिशियल
इंटलीजेंस), ग्रीन हाइड्रोजन एनर्जी, सोलर इनर्जी, आटोमोबाइल सेक्टर में भी निवेश होगा। इस प्रस्तावित
सिटी में आधारभूत ढांचा सरकार विकसित करेगी। इन शहरों में उच्चस्तरीय सड़कें, बिजली, सुरक्षा के

हाल ही में जापानी अधिकारियों व राजनयिकों के शिष्टमंडल ने
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व यीडा के अधिकारियों से मुलाकात कर निवेश प्रस्तावों व प्रस्तावित सिटी
पर चर्चा की थी। इस मुलाकात के बाद प्राधिकरण क्षेत्र में इनके प्रतिनिधिमंडल को जमीन दिखाई गई
थी। इसके लिए बने कंसोर्टियम (सहायता संघ) द्वारा जमीन तय करने के बाद प्राधिकरण ने दोनों
सेक्टरों में किसानों की भूमि को अधिग्रहण करने की तैयारी शुरू कर दी है।


किसानों से 2500 करोड़ में अधिग्रहित होगी भूमि
यीडा के मुताबिक दोनों सेक्टरों में जापानी व कोरियन सिटी बसाने को लेकर जो कुल 760 हेक्टेयर भूमि
चिह्नित की गई है, उसे किसानों से 2544 करोड़ रुपए में अधिग्रहित किया जाएगा। भूमि अधिग्रहण
करने में 50 प्रतिशत यानी 1272 करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश सरकार देगी, जबकि शेष 50 प्रतिशत का
भुगतान यमुना प्राधिकरण स्वयं करेगी।


एफडीआई नीति के तहत निवेश करेंगी कंपनियां
जापान और कोरिया की कंपनियां यूपी सरकार की एफडीआई नीति के तहत यहां निवेश करेंगी।
एफडीआई नीति के तहत निवेश पर कंपनियों को कई तरह की रियायतें मिलेंगी। खासतौर पर जमीन की
कीमत में 80 प्रतिशत तक की छूट का प्राविधान है। माना जा रहा है कि 760 हेक्टेयर में बनने वाले
इन शहरों में जापान व कोरिया की अलग-अलग क्षेत्रों की कंपनियां 15000 करोड़ रुपये से अधिक का
निवेश करेंगी।


जापानी व कोरियन सिटी में होने वाले कार्य
विकास कार्य क्षेत्रफल (प्रतिशत में)
औद्योगिक इकाई 70 प्रतिशत
आवासीय 10 प्रतिशत
कामर्शियल 13 प्रतिशत
संस्थागत 05 प्रतिशत
सड़क, ग्रीन बेल्ट 02 प्रतिशत

Related posts

Leave a Comment