नोएडा में ‘डिजिटल अरेस्ट’ का खौफनाक जाल: Woman महिला वकील से 3.29 करोड़ रुपये की ठगी

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नोएडा में ‘डिजिटल अरेस्ट’ का खौफनाक जाल: Womanमहिला वकील से 3.29 करोड़ रुपये की ठगी

नोएडा, उत्तर प्रदेश: साइबर अपराधियों ने अब ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर लोगों को ठगने का नया और खौफनाक तरीका अपनाना शुरू कर दिया है। नोएडा के सेक्टर-47 की एक 72 वर्षीय वरिष्ठ Woman महिला वकील इसका ताजा शिकार बनी हैं, जिनसे साइबर ठगों ने हथियारों की अवैध तस्करी और ब्लैकमेलिंग का डर दिखाकर पांच किश्तों में 3 करोड़ 29 लाख 70 हजार रुपये ठग लिए।

यह घटना साइबर अपराधों के बढ़ते दायरे और उनकी गंभीरता को दर्शाती है, जहां अपराधी पीड़ितों को मानसिक रूप से इतना भयभीत कर देते हैं कि वे अपनी गाढ़ी कमाई लुटाने को मजबूर हो जाते हैं।

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महिला वकील से 3.29 करोड़ रुपये की ठगी

कैसे बिछाया गया ठगी का जाल?

मामला 10 जून का है, जब Woman महिला वकील के लैंडलाइन नंबर पर एक कॉल आई। कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को एक जांच एजेंसी का कर्मचारी बताया और दावा किया कि Woman महिला के आधार कार्ड और बैंक खाते का इस्तेमाल हथियारों की अवैध तस्करी, ब्लैकमेलिंग और जुए जैसी गंभीर अवैध गतिविधियों में किया गया है।

ठग ने Woman महिला को बताया कि इस मामले में उसके खिलाफ 25 अप्रैल को पहले ही केस दर्ज हो चुका है और मामला इतना संगीन है कि उसे जेल जाना पड़ सकता है।

पीड़िता को यह डर दिखाया गया कि वह एक बड़े संकट में फंस गई है और उसे इस केस से बाहर निकालने के लिए जांच में सहयोग करना होगा। अपनी बात को विश्वसनीय बनाने के लिए, ठगों ने एक मोबाइल नंबर दिया और कहा कि मामले से संबंधित ‘नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट’ (NOC) उसी व्यक्ति से मिलेगा।

 

पुलिस थाने का नकली ‘वीडियो कॉल’ और विश्वासघात

इसके बाद, ठगों ने Woman महिला को वॉट्सऐप पर वीडियो कॉल किया। इस वीडियो कॉल में बैकग्राउंड में एक व्यक्ति पुलिस की वर्दी में दिखाई दिया, और पूरा नजारा किसी वास्तविक पुलिस थाने जैसा ही प्रतीत हो रहा था।

यह दृश्य देखकर Woman महिला वकील को लगा कि वह सच में किसी कानूनी पचड़े में फंस गई हैं और ये लोग उनकी मदद कर रहे हैं। इस ‘पूछताछ’ के दौरान, ठगों ने बड़ी चालाकी से महिला के बैंक खातों और उनमें जमा राशि के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल कर ली।

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नोएडा में ‘डिजिटल अरेस्ट’ का खौफनाक जाल

 

FD तुड़वाकर करोड़ों की रकम ट्रांसफर

जानकारी हासिल करने के बाद, ठगों ने Woman महिला को अपनी सभी फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) तुड़वाकर सारी रकम उनके बताए गए अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करने का निर्देश दिया।

उन्होंने Woman महिला को यह कहकर झांसे में लिया कि यह रकम केवल जांच प्रक्रिया के तहत अस्थायी रूप से ट्रांसफर करवाई जा रही है और जांच पूरी होने के बाद पूरी राशि उसके मूल खाते में सुरक्षित वापस आ जाएगी। इस झूठे वादे और जेल जाने के डर ने Woman महिला को इतना भयभीत कर दिया कि उन्होंने ठगों के निर्देशों का अक्षरशः पालन किया।

Woman महिला ने पांच बार में अलग-अलग खातों में कुल 3 करोड़ 29 लाख 70 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। यह रकम उनकी जीवन भर की कमाई थी, जिसे उन्होंने अपनी गाढ़ी मेहनत से बचाया था।

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शक होने पर साइबर क्राइम थाने में शिकायत

जब ठगों ने Woman महिला पर और अधिक रकम ट्रांसफर करने का दबाव बनाना शुरू किया, तब उसे कहीं जाकर ठगी की आशंका हुई। अपनी इस आशंका को उन्होंने अपने बेटे के साथ साझा किया। बेटे के कहने पर, पीड़िता ने तत्काल साइबर क्राइम थाने की पुलिस से संपर्क किया और पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले में तीन कथित जालसाजों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पुलिस अब इन अपराधियों की तलाश में जुट गई है, जिन्होंने ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसे नए पैंतरे का इस्तेमाल कर एक बुजुर्ग और सम्मानित नागरिक को अपना शिकार बनाया।

यह घटना दर्शाती है कि साइबर ठग लगातार नए और परिष्कृत तरीके अपना रहे हैं। आम जनता को, विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों को ऐसे फर्जी कॉल्स और धमकियों के प्रति अत्यधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। पुलिस या सरकारी एजेंसियों के नाम पर धन की मांग करने वाले किसी भी कॉल पर भरोसा न करें और किसी भी संदिग्ध स्थिति में तुरंत स्थानीय पुलिस या साइबर क्राइम हेल्पलाइन से संपर्क करें।

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