ईरान-इजरायल संघर्ष में अमेरिका America का हस्तक्षेप: क्या युद्ध war को मिलेगी नई चुनौती?
ईरान और इजरायल के बीच जारी संघर्ष नौवें दिन भी थमा नहीं है, और इस बीच अमेरिका ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। इस बार, ईरान और इजरायल के बीच युद्ध WAR में अमेरिका ने सीधे कदम बढ़ाने का संकेत दिया है। जानकारी के अनुसार, अमेरिका की ओर से एक विशेष विमान, जिसे B-4 बताया जा रहा है, को इस क्षेत्र के लिए रवाना किया गया है।
बताया जा रहा है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस बात का फैसला लिया था कि ईरान-इजरायल संघर्ष के बीच उन्हें भी हस्तक्षेप करना चाहिए, क्योंकि यह संघर्ष काफी भीषण है और अमेरिका भी इस लड़ाई में साथ खड़ा रहेगा। इसी फैसले पर अमल करते हुए, डोनाल्ड ट्रंप ने कथित तौर पर अपने विमान को रवाना कर दिया है।
जानिए क्या है B-4 विमान?
जैसा कि सर्वविदित है, अमेरिका अपनी सैन्य ताकत में किसी भी देश से आसानी से लोहा ले सकता है, जिसका मुकाबला करना अन्य देशों के लिए बेहद मुश्किल है। अमेरिका की सैन्य ताकत काफी प्रभावशाली मानी जाती है। हाल ही में ईरान और इजरायल के बीच युद्ध WAR की स्थिति को देखते हुए, अमेरिका ने इसे समाप्त करने का फैसला लिया है. इसी क्रम में उन्होंने अपने B-4 विमान को रवाना किया है।
बताया जा रहा है कि यह B-4 विमान कोई साधारण विमान नहीं है, बल्कि एक एडवांस बम्पर विमान है, जिससे अंडरग्राउंड (भूमिगत) भी तबाही मचाई जा सकती है। दरअसल, इस विमान से अंडरग्राउंड टारगेट को नष्ट किया जा सकता है. दावा किया गया है कि यह विमान 30 लाख पाउंड तक की अंडरग्राउंड तकनीकी सुविधा को नष्ट करने में सक्षम है. यह जानकारी स्पष्ट रूप से दिखाती है कि अमेरिका की सैन्य ताकत किस स्तर तक है और वे कितने अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
ईरान-इजरायल युद्ध के बीच अमेरिका की एंट्री
लंबे समय से चल रहे इस ईरान-इजरायल युद्ध WAR के बीच, संघर्ष को समाप्त करने के लिए अमेरिका ने भी अपने कदम बढ़ा दिए हैं। जानकारी के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस युद्ध WAR में एंट्री ले ली है, जिसके लिए उन्होंने अपने विमान को भी भेज दिया है। इसके साथ ही, बताया गया है कि अमेरिकी सैन्य दल की ओर से ईरान की न्यूक्लियर साइट्स (परमाणु ठिकानों) पर हमला किया गया है।
ईरान के तीन प्रमुख ठिकाने – फोर्डो, नतांज और इस्फहान – को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है. इन ठिकानों पर अमेरिका की ओर से ज़बरदस्त बमबारी की गई, और इसमें फोर्डो को मुख्य निशाना बनाया गया। यह एक बड़ा घटनाक्रम है जो इस क्षेत्रीय संघर्ष में एक नए आयाम को जोड़ता है।

ईरान से सुरक्षित वापस लौटे अमेरिकी विमान
डोनाल्ड ट्रंप ने स्वयं इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि उनके विमान ईरान से सुरक्षित वापस आ रहे हैं और अपने बेस की ओर लौट रहे हैं। उन्होंने अपनी सैन्य क्षमता की सराहना करते हुए कहा कि इससे यह स्पष्ट हो गया है कि अमेरिका के मुकाबले में किसी की भी सैन्य शक्ति अधिक नहीं है।
ट्रंप ने यह भी दोहराया कि अमेरिका ने इस युद्ध में केवल युद्ध WAR को समाप्त करने के लिए एंट्री ली है, और यह देश व दुनिया को दिखाने के लिए है कि अमेरिका से किसी भी प्रकार से मुकाबला नहीं किया जा सकता। सैन्य क्षमता में सबसे प्रभावशाली देशों में अमेरिका का नाम सर्वप्रथम आता है. इस कार्यवाही के बाद, डोनाल्ड ट्रंप ने अपने विमानों को वापस बुला लिया है।
यह घटनाक्रम ईरान-इजरायल संघर्ष को एक नया मोड़ दे सकता है, जहां एक वैश्विक महाशक्ति का सीधा हस्तक्षेप इस क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा सकता है, या फिर जैसा कि अमेरिका America ने दावा किया है, युद्ध WAR को समाप्त करने की दिशा में एक कदम हो सकता है। आगामी दिनों में इस स्थिति पर दुनिया भर की निगाहें बनी रहेंगी।
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