मणिपुर Manipur में एक बार फिर भड़की हिंसा: कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद, कर्फ्यू लागू

मणिपुर Manipur में एक बार फिर भड़की हिंसा: कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद, कर्फ्यू लागू

पूर्वोत्तर भारत का राज्य मणिपुर Manipur एक बार फिर हिंसा और तनाव की चपेट में है। बीते कुछ वर्षों से लगातार अशांत चल रहे इस राज्य में हाल ही में फिर से प्रदर्शनों ने उग्र रूप ले लिया।

लोगों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं, पत्थरबाज़ी और आगज़नी की घटनाएं सामने आईं। हालात को नियंत्रण में लाने के लिए प्रशासन ने कई ज़िलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं और कुछ क्षेत्रों में कर्फ्यू भी लगा दिया गया है।

क्या है मामला?

इस बार की हिंसा की शुरुआत मणिपुर Manipur के बिष्णुपुर जिले में हुई, जहां लोगों ने एक स्थानीय संगठन ‘अरामबाई तेंगगोल’ के मैतैई समुदाय से जुड़े नेता की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करना शुरू किया। धीरे-धीरे यह प्रदर्शन उग्र हो गया और मणिपुर Manipur के अन्य जिलों में भी तनाव फैल गया। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं, जिससे हालात और बिगड़ गए।

कहाँ-कहाँ लगी पाबंदियाँ?

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राज्य प्रशासन ने पाँच जिलों में इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाओं को पांच दिनों के लिए निलंबित कर दिया है। ये जिले हैं:

  • इंफाल वेस्ट

  • इंफाल ईस्ट

  • थौबल

  • बिष्णुपुर

  • ककचिंग

इसके साथ ही, बिष्णुपुर जिले में कर्फ्यू भी लागू कर दिया गया है ताकि लोगों की आवाजाही और किसी भी प्रकार की सार्वजनिक सभा पर रोक लगाई जा सके।

पिछली घटनाओं की पुनरावृत्ति

मणिपुर Manipur में यह पहली बार नहीं है जब हिंसा भड़की हो। इससे पहले भी, वर्ष 2023 में जातीय संघर्षों ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया था। कुकी और मैतैई समुदायों के बीच चल रहे तनाव ने उस समय भी कई जानें ली थीं और हज़ारों लोग विस्थापित हुए थे। राज्य सरकार और केंद्र ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तमाम कोशिशें की थीं, लेकिन तनाव पूरी तरह खत्म नहीं हो पाया।

हिंसा के पीछे के कारण

मणिपुर Manipur में होने वाली हिंसा का मुख्य कारण जातीय असंतुलन और राजनीतिक असहमति है। मैतैई समुदाय और कुकी समुदाय के बीच कई मुद्दों को लेकर लंबे समय से टकराव चल रहा है – जिनमें जमीन पर दावा, आरक्षण की मांग, और पहचान की राजनीति प्रमुख हैं। हाल ही में जिस नेता को गिरफ्तार किया गया, वह इन विवादों से जुड़े एक संगठित आंदोलन से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

राज्य सरकार ने हालात को गंभीरता से लेते हुए सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। इसके अलावा केंद्र सरकार भी स्थिति पर नजर रखे हुए है और ज़रूरत पड़ने पर अतिरिक्त सुरक्षाबलों को भेजने की संभावना है। पुलिस ने हिंसा में शामिल लोगों की पहचान करने के लिए वीडियो फुटेज की जांच शुरू कर दी है।

जनता की चिंताएँ और अपील

स्थानीय लोगों में असुरक्षा की भावना बढ़ गई है। स्कूल, कॉलेज, बाज़ार और सरकारी दफ्तरों पर भी इसका असर दिखने लगा है। मणिपुर Manipur की जनता एक बार फिर भय के साये में जीने को मजबूर है। सामाजिक संगठनों और बुद्धिजीवियों ने सरकार से स्थायी समाधान निकालने की अपील की है ताकि राज्य को बार-बार हिंसा की आग में न झोंका जाए।

आगे की राहें

मणिपुर Manipur में भड़की ताज़ा हिंसा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब तक जातीय असहमति और राजनीतिक विवादों को समाधान नहीं मिलेगा, तब तक यह शांति सिर्फ एक अस्थायी स्थिति बनी रहेगी। सरकार और समाज दोनों को मिलकर एक ऐसा माहौल बनाना होगा जिसमें सभी समुदायों को समान अधिकार और सम्मान मिल सके।

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