वाहन कंपनियों की नजर शहरों के मुकाबले गांव-देहात पर

वाहन उद्योग का अनुमान है कि वर्ष 2024-25 में यात्री वाहनों की बिक्री औसतन 3-5 प्रतिशत बढ़
सकती है। इस उद्योग के प्रतिनिधियों के अनुसार गांव-देहात में यात्री वाहनों की बिक्री परवान चढ़ते देख
वहां कारोबारी तंत्र का विस्तार करना जरूरी हो गया है। वर्ष 2023-24 में यात्री वाहनों की कुल बिक्री 42
लाख रहने का अनुमान है।


मारुति सूजुकी इंडिया में वरिष्ठ कार्याधिकारी (प्रचार एवं बिक्री) शशांक श्रीवास्तव कहते हैं, ‘पिछले कुछ
वर्षों के दौरान ग्रामीण इलाकों में शहरी क्षेत्र की तुलना में यात्री वाहनों की बिक्री अधिक रही है। कोविड
महामारी के दौरान जब शहरी इलाकों में बिक्री की रफ्तार पर ब्रेक लग गया था तब गांव-देहात में ऐसे
वाहनों की बिक्री फर्राटा भर रही थी। यात्री वाहनों की कुल बिक्री की बात करें तो इसका लगभग 32-33


टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने
बताया, ‘वित्त वर्ष 2024 में टाटा मोटर्स की कारों की बिक्री वित्त वर्ष 2020 की तुलना में 5 गुना अधिक
रही है।

इनमें गांव-देहात में बिक्री 40 प्रतिशत तक रही है। चंद्रा ने कहा कि ग्राहकों के करीब पहुंचने के
लिए कंपनी ने बिक्री एवं मरम्मत आदि सुविधाएं तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने ऐसे 800
से अधिक केंद्र (आउटलेट) स्थापित किए हैं जो आस-पास के शहरों के करीब हैं और विशेष तौर पर
ग्रामीण ग्राहकों को अपनी सेवाएं देते हैं। चंद्रा ने कहा कि कंपनी ने 135 अनुभव वैन (मोबाइल शोरूम)
भी स्थापित किए हैं।


महिंद्रा ऐंड महिंद्रा में मुख्य कार्याधिकारी (ऑटोमोटिव सेक्टर) नलिनीकांत गोलागुंटा ने कहा, ‘ग्रामीण क्षेत्रों
में अब सड़क सुविधाओं का काफी विकास हुआ है। सड़कें सुधरने के बाद अब हम कारोबार फैलाने की
योजना आगे बढ़ा रहे हैं ताकि ग्राहकों को आसानी हो। इससे हमें भी कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी।
गोलागुंटा ने कहा कि देश के शहरी एवं ग्रामीण दोनों ही इलाकों में कंपनी की एसयूवी की बिक्री लगातार
बढ़ रही है।

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