राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने विद्यालय युग्मन/मर्जर के खिलाफ सौंपा ज्ञापन, गांवों के स्कूलों School को बताया ‘गांव की आत्मा’

School

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने विद्यालय युग्मन/मर्जर के खिलाफ सौंपा ज्ञापन, गांवों के स्कूलों School को बताया ‘गांव की आत्मा’

नोएडा, 30 जून 2025: राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, गौतम बुद्ध नगर के प्रतिनिधि मंडल ने आज उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन उप जिला अधिकारी वेदप्रकाश पांडेय के माध्यम से सौंपा। यह ज्ञापन परिषदीय विद्यालयों School के युग्मन (पेयरिंग) और मर्जर की प्रस्तावित नीति के विरोध में दिया गया। संगठन ने इस नीति को तार्किक आधार पर खारिज करते हुए इसे तत्काल वापस लेने की मांग की है।

School
School ज्ञापन

ज्ञापन में उठाए गए प्रमुख तर्क

  • राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने अपने पत्रक में विद्यालय मर्जर नीति को शिक्षा के मौलिक अधिकार और ग्रामीण बच्चों के भविष्य के लिए हानिकारक बताया। ज्ञापन में निम्नलिखित बिंदुओं पर जोर दिया गया:
  • दूरी संबंधी नियमों की अनदेखी: ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक विद्यालय School एक किलोमीटर और उच्च प्राथमिक विद्यालय तीन किलोमीटर के दायरे में होना अनिवार्य है, जिसे यह नीति नजरअंदाज करती है।
  • निजी स्कूलों School का अनियमित संचालन: मानक विहीन और बिना मान्यता के निजी स्कूलों का धड़ल्ले से संचालन हो रहा है, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।
  • प्री-प्राइमरी ढांचे की कमजोरी: प्री-प्राइमरी शिक्षा का ढांचा मजबूत न होने के कारण कम नामांकन की समस्या उत्पन्न हो रही है।
  • मूलभूत सुविधाओं का अभाव: परिषदीय विद्यालयों School में बुनियादी सुविधाओं की कमी एक प्रमुख मुद्दा है।
  • शिक्षकों पर गैर-शैक्षणिक कार्यों का बोझ: शिक्षकों से गैर-शैक्षणिक कार्य कराए जाने से शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।
  • प्रजनन दर में कमी और शहरी पलायन: ग्रामीण क्षेत्रों में कम प्रजनन दर और शहरों की ओर पलायन के कारण नामांकन कम हो रहा है, जिसे मर्जर का आधार बनाना अनुचित है।
  • शिक्षा के मौलिक अधिकार का उल्लंघन: मर्जर नीति RTE अधिनियम 2009 का उल्लंघन करती है, जो प्रत्येक बच्चे को निकटवर्ती स्कूल School में शिक्षा का अधिकार देता है।
School
School ज्ञापन

“गांव का स्कूल: गांव की आत्मा”

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के मंडल अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष अशोक यादव ने कहा, “13 साल के शिक्षण अनुभव में मैंने देखा है कि गांव का स्कूल School केवल शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि गांव की सांस्कृतिक और सामाजिक चेतना का प्रतीक है। यह वह स्थान है जहां प्रशासनिक बैठकें, जागरूकता अभियान, टीकाकरण शिविर और महिला सशक्तिकरण जैसे कार्यक्रम आयोजित होते हैं। स्कूल गांव की रौनक और भरोसे का केंद्र है। मर्जर नीति गांव की इस आत्मा को छीनने जैसी है।”
उन्होंने आगे कहा, “कम नामांकन को स्कूल की उपयोगिता का मापदंड नहीं बनाया जा सकता। दस बच्चों का स्कूल भी उस गांव के लिए जीवनरेखा है। स्कूल बंद करना गांव की पहचान और भविष्य को नष्ट करना है।”

“सुधार मजबूती से, बंदी से नहीं”

जिला महामंत्री अजयपाल नागर ने कहा, “शिक्षा नीति का उद्देश्य हर बच्चे तक सम्मानजनक शिक्षा पहुंचाना है, न कि स्कूलों को बंद करना। कम नामांकन वाले स्कूलों में संसाधन और शिक्षक भेजने चाहिए, न कि उन्हें मर्ज करना चाहिए। मर्जर से शैक्षिक असमानता, सामाजिक अलगाव और विशेषकर बालिकाओं की शिक्षा में गिरावट आएगी।”
उन्होंने जोर देकर कहा, “गांव का स्कूल केवल एक संस्था नहीं, बल्कि उम्मीद और बदलाव का प्रतीक है। इसे बचाना हमारा सामाजिक कर्तव्य है। यदि स्कूल बंद हुए, तो गांव का भविष्य भी अंधेरे में डूब जाएगा।”

School ज्ञापन
School ज्ञापन

आंदोलन की चेतावनी

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने चेतावनी दी है कि यदि मर्जर नीति वापस नहीं ली गई, तो संगठन जिला स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक आंदोलन तेज करेगा। 5 जुलाई से धरना-प्रदर्शन और ब्लैक बैज आंदोलन की योजना है, साथ ही विधानसभा सत्र के दौरान लखनऊ में राज्य-स्तरीय रैली का आयोजन किया जाएगा।
निष्कर्ष

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, गौतम बुद्ध नगर ने इस ज्ञापन के माध्यम से सरकार से मांग की है कि वह ग्रामीण शिक्षा को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाए, न कि स्कूलों को बंद करने जैसे कदमों को बढ़ावा दे। संगठन ने इसे ग्रामीण बच्चों और शिक्षकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करार दिया है और नीति को तत्काल वापस लेने की अपील की है।

ये भी पढ़ें…….

इस पेज को फॉलो करें: UN NEWS WHATSAPP

जीएनआईओटी में मेराकी कार्यक्रम का भव्य आयोजन, युवाओं को मिली प्रेरणा

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की लापरवाही,रोज़ा याकूबपुर की बदहाल सड़कें,जनता परेशान

Follow this page: @UNNEWS_24X7

नोएडा प्राधिकरण को जल्द ही मिलेगा उसका नया आधुनिक सुविधाओं से लैस प्रशासनिक भवन।

Related posts

Leave a Comment