यूपी में आयुष्मान कार्ड घोटाले पर गरमाई राजनीतिक सियासत

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यूपी में आयुष्मान कार्ड घोटाले पर गरमाई राजनीतिक सियासत

उत्तर प्रदेश में पहली बार आयुष्मन कार्ड में हुए घोटाले को लेकर सियासत एक दम गरमा गई है। इस दौरान आयुष्मान भारत योजना के तहत हुए बड़े घपले का खुलासा किया गया है। इस दौरान बताया जा रहा है कि करीब 10 करोड़ रुपये का घोटाला 39 अस्पतालों के 6239 लाभार्थियों के नाम पर किया गया। जिसका पूरा खामियाजा निर्दोश मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। इसके साथ ही घपला करने वाले जालसाजों ने मरीजों के नाम पर फर्जी भुगतान कर रकम हड़प ली है। जिसका खुलासा किया गया है। ये सब घोटाला 1 मई 2025 से 22 मई 2025 तक के बीच हुआ। घोटाले की जांच में पता चला कि महज 22 दिनों में नौ करोड़ 94 लाख रुपये की यह रकम फर्जी तरीके से अस्पतालों को ऑनलाइन ट्रांसफर की गई है।

जानिए कैसे और कब हुआ मामले की खुलासा
आपको बता दें कि योगी सरकार उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए सदैव तत्पर रहते है। वहीं राज्य में किसी भी तरह का अपराध बर्दाशत नहीं किया जाएगा। जिसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे है, साथ ही अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे । राज्य में किसी भी तरह अपराधी का अपराध बर्दाशत नही किया जाएगा। वहीं आपको बता दें कि इस पूरे घपले का खुलासा तब हुआ जब आयुष्मान योजना के तहत भुगतान की जिम्मेदारी संभालने वाली एजेंसी ‘साचीज’ के नोडल अधिकारी डॉ. बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने हजरतगंज थाने में इस संबंध में रिपोर्ट दर्ज कराई। वहीं रिपोर्ट की माने तो एजेंसी के ओएसडी, मैनेजर और लेखाधिकारी की ईमेल आईडी का दुरुपयोग कर यह घपला किया गया।

कोतवाली मे अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज
दरअसल इस घोटाले में 6239 लाभार्थियों के नाम पर 39 निजी चिकित्सालयों को लगभग 9.94 करोड़ रुपये का फर्जी भुगतान कर दिया गया। वहीं यह सब खेल एजेंसी के लेखाधिकारी, वित्त प्रबंधक और सीईओ की लॉगिन आईडी का दुरुपयोग करके अंजाम दिया गया। इसके साथ ही इस पूरे घोटाले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अधिकतर भुगतान रात के समय किया गया है जिसनें शक के दायरे को ओर भी अधिक बढ़ा दिया है। जैसे ही घोटाले की जानकारी मिली स्टेट एजेंसी साचीज के नोडल अधिकारी डॉ. ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव ने हजरतगंज कोतवाली में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया । और अवगत कराया कि किस तरह से राज्य में गरबों को मिलने वाली योजनाओं के तहत लाखों का घपला कर गरीबों से बड़ी रकम ली गई।

आयुष्मान योजना के तहत प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों को लाभार्थियों के उपचार से संबंधित भुगतान राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकारण पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन किया जाता है। इस प्रक्रिया में अस्पताल पहले पोर्टल पर उपचार से संबंधित दावा अपलोड करते हैं। इसके बाद पहला स्तर स्टेट एजेंसी और फिर चयनित इंश्योरेंस सर्विस एजेंसी (आईएसए) द्वारा विश्लेषण और सिफारिश के लिए दावों को मेडिकल ऑडिटर के लॉगिन पर भेजा जाता है। मेडिकल ऑडिटर के अनुमोदन के बाद लेखाधिकारी/प्रबंधक वित्त के लॉगिन से दावों को आगे बढ़ाया जाता है। अंत में मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) के लॉगिन से अंतिम मंजूरी के बाद बैंक के माध्यम से संबंधित चिकित्सालयों को भुगतान किया जाता है।

आयुष्मान भारत योजना भारत सरकार की एक प्रमुख स्वास्थ्य बीमा योजना है। यह योजना प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करती है, जो भारत में सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजनाओं में से एक है। वहीं आयुष्मान योजना के तहत प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों को लाभार्थियों के उपचार से संबंधित भुगतान राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकारण पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन किया जाता है। इस प्रक्रिया में अस्पताल पहले पोर्टल पर उपचार से संबंधित दावा अपलोड करते हैं। इसके बाद पहला स्तर स्टेट एजेंसी और फिर चयनित इंश्योरेंस सर्विस एजेंसी (आईएसए) द्वारा विश्लेषण और सिफारिश के लिए दावों को मेडिकल ऑडिटर के लॉगिन पर भेजा जाता है।

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