यूपी में कच्चे Mango आम पर सियासी बवाल: अखिलेश यादव और केशव मौर्य आमने-सामने
लखनऊ, 5 जुलाई, 2025 –
उत्तर प्रदेश में इन दिनों कच्चे Mangoआम पर जमकर सियासी बवाल मचा हुआ है, जिसने समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को आमने-सामने ला खड़ा किया है। यह सारा विवाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एक तस्वीर से शुरू हुआ, जिसमें वह हरे रंग के आम के साथ नजर आ रहे थे, जिसे लोगों ने ‘कच्चा Mangoआम’ कहना शुरू कर दिया।

अखिलेश यादव का तंज और केशव मौर्य का पलटवार
सियासत की शुरुआत शुक्रवार (4 जुलाई) को हुई, जब लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन दिवसीय Mango आम महोत्सव का उद्घाटन किया। इस दौरान उनकी एक तस्वीर सामने आई, जिसमें उनके हाथ में हरे रंग का Mango आम था। इसी तस्वीर को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “कच्चे Mango आम कह रहे पकाओ मत!”
अखिलेश यादव के इस पोस्ट के बाद कच्चे Mango आम को लेकर बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया। अब डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बिना नाम लिए अखिलेश यादव के इस तंज पर पलटवार किया है।
मौर्य ने अपने ‘एक्स’ अकाउंट पर पोस्ट कर लिखा, “नेताजी ने 2012 में एक कच्चे Mango आम को पका हुआ आम समझने की भूल की थी। इसे लेकर वह जीवन पर्यंत पछताते रहे।” मौर्य का यह बयान सीधे तौर पर अखिलेश यादव को ‘कच्चा Mango आम’ बताते हुए उन पर हमला था, जिसमें उन्होंने 2012 के उस घटनाक्रम का भी जिक्र किया जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने थे।
2012 की राजनीतिक पृष्ठभूमि और मुलायम सिंह का दरकिनार होना
केशव मौर्य का ‘नेताजी’ का संदर्भ सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की ओर था। 2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने पूर्ण बहुमत हासिल किया था, जिसके बाद मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाया था। हालांकि, 2017 के चुनाव से पहले सपा में आंतरिक फूट पड़ गई थी। इस दौरान अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव को दरकिनार करके पार्टी अध्यक्ष का पद संभाला था और उन्हें पार्टी का ‘मार्गदर्शक’ बना दिया था। इस घटनाक्रम के कारण पिता-पुत्र के रिश्तों में काफी तल्खी आ गई थी, जिसकी याद केशव मौर्य ने अपने ताने में दिलाई।

Mango आम महोत्सव और सीएम योगी का संबोधन
यह पूरा सियासी संग्राम लखनऊ में आयोजित तीन दिवसीय Mango आम महोत्सव के दौरान सामने आया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि “Mango आम महोत्सव जैसे मंच न केवल उत्सव होते हैं, बल्कि वे खरीदारों, विक्रेताओं, वैज्ञानिकों और किसानों को आपसी लाभ के लिए ज्ञान और अनुभवों का आदान-प्रदान करने का मौका भी देते हैं।”
उन्होंने किसानों को बागवानी और अच्छी कीमत दिलाने वाली फसलों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा, “खेती में प्रगति का मतलब राज्य और देश की प्रगति है। जब किसान समृद्ध होंगे, तो विकसित भारत का सपना साकार हो जाएगा।”
सीएम योगी ने राज्य के भीतर कृषि उन्नति में क्षेत्रीय असमानताओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों ने आधुनिक कृषि तकनीक अपनाई है और वे अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं, लेकिन बुंदेलखंड या पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए पहले ऐसा नहीं कहा जा सकता था।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनकी सरकार इन क्षेत्रों में भी कृषि विकास को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है।
कच्चे Mango आम पर शुरू हुआ यह सियासी संग्राम अब उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ ले चुका है, जहां प्रतीकात्मक बयानबाजी के जरिए राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह Mango’आम’ विवाद आगे क्या रंग लाता है।
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