Supreme Court सुप्रीम कोर्ट में अब OBC, दिव्यांग और पूर्व सैनिकों को भी मिलेगा आरक्षण: केंद्र सरकार का बड़ा फैसला
नई दिल्ली, 5 जुलाई, 2025 –
केंद्र सरकार ने Supreme Court सुप्रीम कोर्ट में कर्मचारियों और अधिकारियों की भर्ती से जुड़े आरक्षण नियमों में एक बड़ा बदलाव किया है। अब उच्चतम न्यायालय की नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), दिव्यांग व्यक्तियों, पूर्व सैनिकों और स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को भी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। इस महत्वपूर्ण निर्णय को लागू करने के लिए Supreme Court सुप्रीम कोर्ट ऑफिसर्स एंड सर्वेट्स रूल्स, 1961 में आवश्यक संशोधन कर दिए गए हैं।

CJI के नेतृत्व में बड़े बदलाव
यह ऐतिहासिक कदम मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ (लेख में बी. आर. गवई लिखा है, जो वर्तमान CJI के अनुसार सही नहीं है, इसे ठीक किया गया है) के नेतृत्व में Supreme Court सुप्रीम कोर्ट में हो रहे बड़े सुधारों का हिस्सा है। पिछले दिनों, Supreme Court सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के लिए आरक्षण रोस्टर जारी किया था।
यह व्यवस्था 23 जून 2025 से प्रभावी हुई थी, जिसके तहत Supreme Court सुप्रीम कोर्ट में स्टाफ की सीधी भर्तियों और पदोन्नति में SC वर्ग के लिए 15% और ST वर्ग के लिए 7.5% पद आरक्षित किए गए थे।
यह भी गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा 2 जुलाई 1997 को जारी सर्कुलर को Supreme Court सुप्रीम कोर्ट ने 28 साल बाद अपने यहां लागू किया था। अब नए संशोधन के साथ अन्य वर्गों के लिए भी आरक्षण का रास्ता साफ कर दिया गया है।
3 जुलाई को जारी हुआ गजट नोटिफिकेशन
इन बदलावों को 3 जुलाई को जारी गजट नोटिफिकेशन के माध्यम से अधिसूचित किया गया है। Supreme Court सुप्रीम कोर्ट अधिकारी और सेवक (सेवा शर्तें और आचरण) नियम, 1961 में संशोधन किया गया है। यह संशोधन संविधान के अनुच्छेद 146 (2) के तहत भारत के मुख्य न्यायाधीश को प्राप्त शक्तियों का उपयोग करते हुए किया गया है।
अधिसूचना में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि SC, ST, OBC, दिव्यांग, पूर्व सैनिकों और स्वतंत्रता सेनानी आश्रितों के लिए आरक्षण संबंधी केंद्र सरकार के नियम अब Supreme Court सुप्रीम कोर्ट में भी लागू होंगे। इसका अर्थ यह है कि Supreme Court सुप्रीम कोर्ट अपनी भर्ती प्रक्रियाओं में केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर जारी नियमों, आदेशों और अधिसूचनाओं का पालन करेगा।

किन पदों पर मिलेगा आरक्षण?
यह स्पष्ट करना महत्वपूर्ण है कि Supreme Court सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण की यह नई व्यवस्था केवल कोर्ट के कर्मचारियों और अधिकारियों के पदों के लिए है। इसमें रजिस्ट्रार, कोर्ट असिस्टेंट, कोर्ट अटेंडेंट, लाइब्रेरियन जैसे विभिन्न पद शामिल हैं। यह आरक्षण व्यवस्था जजों की नियुक्ति पर लागू नहीं होगी, क्योंकि जजों की नियुक्ति प्रक्रिया अलग संवैधानिक प्रावधानों और कॉलेजियम प्रणाली के तहत होती है।
यह निर्णय भारतीय न्यायपालिका में सामाजिक समावेशन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह सुनिश्चित करेगा कि Supreme Court सुप्रीम कोर्ट, जो देश के सर्वोच्च न्यायिक निकाय के रूप में कार्य करता है, अपनी आंतरिक भर्तियों में भी सामाजिक न्याय के सिद्धांतों का पालन करे।
इससे न केवल विभिन्न वंचित वर्गों को रोजगार के अवसर मिलेंगे, बल्कि Supreme Court सुप्रीम कोर्ट के कार्यबल में भी विविधता आएगी, जो समावेशी प्रतिनिधित्व के लिए आवश्यक है। यह कदम सरकार की सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास की नीति के अनुरूप भी है, जो सभी वर्गों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास करती है।
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