नवाचार से प्रदूषण पर प्रहार: NTPC एनटीपीसी दादरी को नेशनल बायोमास कॉन्फ्रेंस में शीर्ष सम्मान
एनटीपीसी दादरी ने इस चुनौती को अवसर में बदला है, वह पराली जैसे बायोमास को ईंधन के रूप में इस्तेमाल कर न केवल स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन कर रहा है, बल्कि किसानों को इसका सकारात्मक आर्थिक विकल्प भी प्रदान कर रहा है।
ग्रेटर नोएडा दादरी: NTPC दादरी ने नवाचार के दम पर दिल्ली-एनसीआर में पराली जलाने की समस्या से निपटते हुए स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन में मिसाल कायम की है।
पराली जैसे बायोमास को ईंधन के रूप में उपयोग कर यह संयंत्र न केवल पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे रहा है, बल्कि किसानों को आर्थिक विकल्प भी प्रदान कर रहा है।

वित्त वर्ष 2024-25 में देश में सर्वाधिक बायोमास को-फायरिंग के लिए NTPC दादरी को नेशनल बायोमास कॉन्फ्रेंस ऑन एबीसी (Accelerating Biomass Cofiring) में शीर्ष पुरस्कार से नवाजा गया।
यह सम्मान नई दिल्ली में आयोजित SAMARTH मिशन के तहत कॉन्फ्रेंस में पंकज अग्रवाल, सचिव (विद्युत मंत्रालय) ने के. चंद्रमौलि, कार्यकारी निदेशक एवं परियोजना प्रमुख (NTPC दादरी) को प्रदान किया।
इस अवसर पर गुरदीप सिंह, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (एनटीपीसी लिमिटेड) भी उपस्थित थे।
NTPC एनटीपीसी दादरी ने वित्त वर्ष 2024-25 में 2.73 लाख मीट्रिक टन बायोमास का उपयोग कर 3.28 लाख मीट्रिक टन CO₂ उत्सर्जन को रोका, जो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम है।
वित्त वर्ष 2025-26 में अब तक 0.589 लाख मीट्रिक टन बायोमास का उपयोग कर 0.7068 लाख मीट्रिक टन CO₂ की बचत की गई है।
यह उपलब्धि NTPC एनटीपीसी दादरी की हरित ऊर्जा और स्थायी भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। बायोमास को-फायरिंग जैसे नवाचारों के जरिए यह संयंत्र प्रदूषण नियंत्रण और कार्बन फुटप्रिंट में कमी लाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
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