Noida पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट के जरिए 84 लाख की ठगी करने वाले साइबर अपराधी को दबोचा

डिजिटल अरेस्ट के जरिए लाखों रुपये की ठगी करने वाले एक साइबर अपराधी गिरफ्तार

 

Noida के थाना साइबर क्राइम पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट के जरिए लाखों रुपये की ठगी करने वाले एक साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया है।

अभियुक्त की पहचान सोनू पाल (30 वर्ष) के रूप में हुई, जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले का रहने वाला है और वर्तमान में चंडीगढ़ में रहता है। पुलिस ने उसके पास से एक मोबाइल फोन और 12,400 रुपये नकद बरामद किए हैं।पुलिस के अनुसार, पीड़िता की शिकायत पर थाना साइबर क्राइम में मुकदमा संख्या 0055/2024 दर्ज किया गया, जिसमें धारा 419, 420 भादवि और 66 डी आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ।

साइबर अपराधियों ने पीड़िता को फेडेक्स कूरियर कंपनी के नाम पर फर्जी कॉल कर डराया। उन्हें बताया गया कि उनके नाम से एक पार्सल में 5 पासपोर्ट, 3 क्रेडिट कार्ड, 1 लैपटॉप, 4 किलो कपड़े, 200 ग्राम एमडीएमए और 35,000 रुपये नकद मिले हैं। मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाकर पीड़िता से 84,16,979 रुपये की ठगी की गई

Noida पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट के जरिए 84 लाख की ठगी करने वाले साइबर अपराधी को दबोचा
Noida पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट के जरिए 84 लाख की ठगी करने वाले साइबर अपराधी को दबोचा

लोकल इंटेलिजेंस और गोपनीय सूचना के आधार पर पुलिस ने मोहाली, पंजाब से सोनू पाल को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने बताया कि वह IDFC फर्स्ट बैंक में करंट खाते खोलने का काम करता है। उसने धोखाधड़ी से खाता खुलवाकर उसकी जानकारी टेलीग्राम ग्रुप के जरिए विदेशी साइबर अपराधियों को दी। 25 जून 2024 को पीड़िता के 69,78,894 रुपये इस खाते में ट्रांसफर हुए, जिसके बदले उसे 2 लाख रुपये का कमीशन मिला।

पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संदिग्ध बैंक खातों को फ्रीज कराया। ठगी की 21 लाख रुपये की राशि फ्रीज की गई, जिसमें से 16 लाख रुपये पीड़िता को वापस कराए जा चुके हैं। शेष राशि की वसूली की प्रक्रिया जारी है। अभियुक्त द्वारा खोले गए बैंक खाते से जुड़ी 41 शिकायतें एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज हैं, जिनमें महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, केरल, बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के मामले शामिल हैं।
पहले भी हो चुकी हैं गिरफ्तारियांइस मामले में पुलिस ने पहले चार अन्य अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। पुलिस अब अन्य संलिप्त अपराधियों की तलाश में छापेमारी कर रही है।

अज्ञात व्यक्तियों द्वारा व्हाट्सएप या वीडियो कॉल पर पुलिस की वर्दी में की जाने वाली कॉल पर भरोसा करने से पहले नंबर और नाम की जांच गूगल या संबंधित विभाग की वेबसाइट पर करें।

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