Noida सोसाइटी का फरमान लिव-इन जोड़ों को देना होगा पैरेंट्स की मंजूरी वाला पत्र

Noida की एक सोसाइटी के अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (एओए) ने अविवाहितों के लिए किरायेदार सत्यापन के नए उपाय का प्रस्ताव रखा है। यह फैसला सेक्टर 99 स्थित सुप्रीम टावर्स की 7वीं मंजिल से गिरकर 23 साल के लॉ छात्र की मौत के कुछ दिनों बाद लिया गया है। वीएन सुब्रमण्यम ने 21 जनवरी को सभी फ्लैट मालिकों को एक ईमेल जारी किया, जिसमें लिखा है कि अविवाहितों के पास अपने परिवार के सदस्यों का सहमति पत्र होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कपल्स (जोड़ों) को या तो कानूनी रूप से विवाहित होना चाहिए या उन्हें अपने माता-पिता या अभिभावकों से इसी तरह का सहमति पत्र प्रस्तुत करना चाहिए।

टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, फ्लैट मालिकों को भेजे ईमेल में लिखा है, ‘हाल ही में 7वीं मंजिल पर किराएदार से जुड़ी एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी जिसमें उसकी मौत हो गई। इसके मद्देनजर बोर्ड सोसायटी के अंदर सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहा है। कुंवारे लोगों (लड़के या लड़कियों) को फ्लैट किराए पर देने वाले मालिकों को पता और परिवार के सदस्यों से मंजूरी सहित विस्तृत जानकारी लेना सुनिश्चित करना चाहिए। यदि कुंवारे विपरीत लिंग के सदस्यों के साथ रह रहे हैं, तो उन्हें विवाह प्रमाणपत्र या अपने परिवार से औपचारिक स्वीकृति पत्र पेश करना होगा।’

11 जनवरी को, लॉ स्टूडेंट अपने कुछ क्लासमेट्स के साथ 7वीं मंजिल पर स्थित अपने फ्लैट में पार्टी कर रहा था, तभी उसने बालकनी से छलांग लगा दी। लॉ स्टूडेंट के पिता की शिकायत के बाद एक महिला क्लासमेट के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया। बाद में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया। हालांकि, इस घटना ने आवासीय परिसरों में किराएदारों की जांच प्रक्रियाओं और सुरक्षा उपायों को लेकर चर्चा तेज कर दी।

मौजूदा प्रस्ताव को लेकर निवासियों और बोर्ड सदस्यों के बीच मतभेद पैदा हो गए हैं। एओए के सचिव एसएस कुशवाह ने अध्यक्ष के ईमेल से एसोसिएशन को अलग करते हुए कहा कि यह बोर्ड की मंजूरी के बिना भेजा गया था। उन्होंने कहा, ‘ईमेल एओए अध्यक्ष ने अपनी निजी हैसियत से भेजा है। एओए बोर्ड के सदस्यों ने ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है। हम ईमेल की विषय-वस्तु से सहमत नहीं हैं। स्थिति से निपटने के बेहतर तरीके हैं।

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