रीवा में अवैध कॉलोनियों पर चला Municipal council/ नगर निगम का बुलडोजर, करोड़ों का अवैध निर्माण ध्वस्त

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रीवा में अवैध कॉलोनियों पर चला Municipal council/नगर निगम का बुलडोजर, करोड़ों का अवैध निर्माण ध्वस्त

मध्य प्रदेश के रीवा शहर में अवैध रूप से पनप रही कॉलोनियों के खिलाफ  Municipal council/ नगर निगम ने एक बड़ा अभियान छेड़ दिया है। निगम आयुक्त के निर्देश पर, हाल ही में तीन अवैध कॉलोनियों पर बुलडोजर चलाकर उन पर निर्मित अवैध ढांचों को ध्वस्त कर दिया गया।

यह कार्रवाई Municipal council/नगर निगम की जमीन पर किए गए अवैध कब्जों और बिना अनुमति के किए गए निर्माणों के खिलाफ एक सख्त संदेश है।

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अवैध कॉलोनियों पर चला नगर निगम का बुलडोजर

चोरहटा क्षेत्र में दो कॉलोनियों पर गिरी गाज

कार्रवाई के पहले चरण में, जोन क्रमांक 01 के अंतर्गत चोरहटा क्षेत्र में दो अवैध कॉलोनियों को निशाना बनाया गया। इन कॉलोनियों में न सिर्फ सड़कों का अवैध निर्माण किया गया था, बल्कि बिजली के कनेक्शन भी गैर-कानूनी तरीके से लिए गए थे।

Municipal council/ नगर निगम ने इन अवैध गतिविधियों पर पहले भी कई बार नोटिस जारी किए थे, लेकिन भू-माफियाओं और अवैध कब्जाधारियों ने इन नोटिसों को नजरअंदाज कर दिया था।

इसके बाद, Municipal council/नगर निगम ने कठोर कदम उठाते हुए सड़कों को ध्वस्त किया और सभी अवैध बिजली कनेक्शनों को काट दिया।

 

चार जेसीबी मशीनों से ध्वस्त हुईं सड़कें और बाउंड्री

Municipal council/नगर निगम की टीम ने कार्रवाई को अंजाम देने के लिए चार जेसीबी मशीनों का इस्तेमाल किया। इन मशीनों से अवैध कॉलोनियों में बनाई गई सड़कों को पूरी तरह से उखाड़ दिया गया।

साथ ही, प्रीकास्ट से बनी बाउंड्री को भी ध्वस्त कर दिया गया, जो इन अवैध कॉलोनियों को एक संगठित रूप देने का प्रयास कर रही थीं। बिजली विभाग के सहयोग से इन अवैध कॉलोनियों के सभी बिजली कनेक्शन भी काट दिए गए, जिससे अवैध निवासियों को और अधिक परेशानी का सामना करना पड़ा।

 

विरोध के बावजूद पुलिस सुरक्षा में कार्रवाई

अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने की कार्रवाई के दौरान स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई और नाराजगी व्यक्त की। हालांकि, किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए घटनास्थल पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। पुलिस प्रशासन ने  Municipal council/ नगर निगम की टीम के साथ मिलकर स्थिति को संभाला और लोगों को समझा-बुझाकर शांतिपूर्ण तरीके से कार्रवाई को पूरा किया। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह निर्माण पूरी तरह से अवैध भूमि पर किया गया था और बार-बार नोटिस के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ, जिसके चलते यह सख्त कदम उठाना पड़ा।

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करोड़ों का अवैध निर्माण ध्वस्त

अधिकारी रहे मौके पर मौजूद

इस बड़ी कार्रवाई के दौरान नगर निगम के कई वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। इनमें कार्यपालन यंत्री राजेश सिंह, एचके त्रिपाठी, सहायक यंत्री राजेश मिश्रा, पीएन शुक्ला, उपयंत्री श्याम सुंदर मिश्रा, हरेराम मिश्रा, सुनील मिश्रा, अतिक्रमण प्रभारी रावेंद्र शुक्ला शामिल थे। इन अधिकारियों ने बताया कि जिन लोगों ने भूमि को छोटे-छोटे भूखंडों में बांटकर अवैध कॉलोनियां बनाई थीं, उन्हें पहले भी कई बार चेतावनी दी गई थी। लेकिन उनकी मनमानी जारी रहने के कारण यह सख्त कार्रवाई करना अनिवार्य हो गया था।

नगर निगम की लोगों से अपील: जांच पड़ताल के बाद ही खरीदें जमीन

इस ध्वस्तीकरण अभियान के बाद, नगर निगम ने आम जनता से एक महत्वपूर्ण अपील की है। निगम ने लोगों से कहा है कि कोई भी भूमि खरीदने से पहले उसकी वैधता की जांच अवश्य करें। Municipal council/नगर निगम ने चेताया है कि अवैध रूप से बने किसी भी निर्माण पर भविष्य में भी इसी प्रकार की सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में लोगों का पैसा व्यर्थ न जाए और उन्हें किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए जमीन खरीदने से पहले सभी आवश्यक जांच-पड़ताल (ड्यू डिलिजेंस) करना बेहद जरूरी है।

Municipal council/नगर निगम ने स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में भी अवैध कॉलोनियों के विरुद्ध इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी, ताकि शहर में अवैध कब्जों और निर्माणों पर लगाम लगाई जा सके। यह अभियान शहर के विकास और व्यवस्थित नियोजन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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