उत्तर प्रदेश पुलिस Police बल का आधुनिकीकरण: IGOT कोर्स और AI प्रशिक्षण हुआ अनिवार्य।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पुलिस Police बल को और भी अधिक सुदृढ़ और आधुनिक बनाने के लिए महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आई है।
बदलते समय की चुनौतियों और खासकर बढ़ते साइबर अपराधों से निपटने के लिए अब पुलिस प्रशिक्षण में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और IGOT कोर्स को अनिवार्य कर दिया गया है। यह पहल पुलिसकर्मियों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने और उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

60,000 से अधिक पुलिस Police सिपाहियों की भर्ती और नए पाठ्यक्रम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अथक प्रयासों से पुलिस Police बल को मजबूती प्रदान करने के लिए 62,460 पुलिस Police सिपाहियों की भर्ती की जा रही है. इस दौरान, भर्ती प्रक्रिया के साथ-साथ उनके प्रशिक्षण के पाठ्यक्रमों में भी महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं.
इन बदलावों में AI और IGOT कोर्स का समावेश प्रमुख है। आज के समय में बढ़ते साइबर अपराधों को देखते हुए यह पाठ्यक्रम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके माध्यम से नव-नियुक्त सिपाहियों को AI तकनीक का उपयोग करते हुए साइबर अपराधों से निपटने की शिक्षा दी जाएगी। यह कदम अपराध नियंत्रण में तकनीक के प्रभावी उपयोग पर सरकार के जोर को दर्शाता है।
विशेषज्ञों की मदद से तैयार होगा पाठ्यक्रम
AI और IGOT जैसे उन्नत पाठ्यक्रमों को तैयार करना एक जटिल प्रक्रिया है, जिसके लिए विशेष विशेषज्ञता की आवश्यकता होगी. इस पाठ्यक्रम को तैयार करने में ऐसे विशेषज्ञ शामिल होंगे जो AI और IGOT में निपुण हों. ये विशेषज्ञ सुनिश्चित करेंगे कि पाठ्यक्रम नव-भर्ती सिपाहियों की आवश्यकताओं के अनुरूप हो और उन्हें प्रभावी ढंग से प्रशिक्षित कर सके।
इसके अलावा, प्रशिक्षण के दौरान सिपाहियों को महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों और प्रदेश में होने वाले अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के प्रबंधन और सुरक्षा पहलुओं के बारे में भी जानकारी दी जाएगी. इसके लिए विशेष अधिकारियों के साथ बैठकें की जाएंगी और एक विस्तृत प्रारूप तैयार किया जाएगा, जिसके दिशा-निर्देशों के अनुसार यह पाठ्यक्रम नए सिपाहियों के प्रशिक्षण में शामिल किया जाएगा. यह सुनिश्चित करेगा कि सिपाही न केवल तकनीकी रूप से सक्षम हों, बल्कि बड़े आयोजनों को संभालने के लिए भी तैयार रहें।

ऑनलाइन ऐप के माध्यम से दी जाएगी ट्रेनिंग
पुलिस Police सिपाहियों को यह विशेष प्रशिक्षण द्रोणाचार्य पोर्टल और पुलिस प्रशिक्षण पर आधारित ऐप के माध्यम से ऑनलाइन दिया जाएगा. यह ऑनलाइन माध्यम प्रशिक्षण को अधिक सुलभ और लचीला बनाएगा।
AI के सभी पाठ्यक्रम सिपाहियों को अच्छी तरह से पढ़ाए जाएंगे, जिसके लिए इस विषय में निपुण शिक्षकों को ही प्रशिक्षण के लिए रखा जाएगा. यह सुनिश्चित करेगा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा सके.
प्रशिक्षण के दौरान, नव-सिपाहियों को कानून, नियम, लोकतंत्र, और संविधान के विभिन्न पहलुओं के बारे में भी गहन शिक्षा दी जाएगी. उन्हें यह भी समझाया जाएगा कि आज के समय में लोकतंत्र और संविधान में कौन-कौन से प्रावधान मानव मूल्यों को उजागर कर रहे हैं।
यह न केवल उन्हें पेशेवर रूप से तैयार करेगा बल्कि उन्हें एक जिम्मेदार और कर्तव्यनिष्ठ नागरिक के रूप में भी विकसित करेगा जो मानवीय मूल्यों का सम्मान करते हैं। यह समग्र दृष्टिकोण उन्हें समाज के प्रति अधिक संवेदनशील और प्रभावी पुलिसकर्मी बनाएगा।
जुलाई तक पाठ्यक्रम में होगा शामिल
इस नए और उन्नत पाठ्यक्रम को ऑनलाइन भर्ती परीक्षा के प्रशिक्षण में शामिल करने के लिए गहन मंथन चल रहा है. उम्मीद है कि यह पाठ्यक्रम जुलाई के शुरुआती समय में लागू कर दिया जाएगा. एक बार लागू होने के बाद, शिक्षक इस नए पाठ्यक्रम के अनुसार सिपाहियों को प्रशिक्षित करना शुरू कर देंगे।
पुलिसकर्मियों की दक्षता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, खासकर साइबर अपराधों को कम करने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कैसे एक प्रभावी उपकरण साबित हो सकता है।
इस प्रशिक्षण का उद्देश्य न केवल उनकी तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाना है, बल्कि उन्हें अच्छे व्यवहार और सेवा-उन्मुख दृष्टिकोण के साथ समाज की सेवा करने के लिए भी तैयार करना है। यह सुनिश्चित करेगा कि उत्तर प्रदेश पुलिस बल आधुनिक चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हो।
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