लगातार दूसरे दिन बूंदाबांदी से प्रदूषण में मामूली राहत

दिल्ली में लगातार दूसरे दिन हुई बारिश ने प्रदूषण से थोड़ी राहत
दिलाई है। बूंदाबांदी और तेज हवाओं के चलते राजधानी के वायु गुणवत्ता सूचकांक में एक दिन पहले की
तुलना में 83 अंकों का सुधार हुआ है। हालांकि, समग्र तौर पर अभी भी दिल्ली की हवा बेहद खराब श्रेणी
में ही है। राजधानी में इस बार गर्मियों और मानसून के मौसम में बीते वर्षों की तुलना में हवा की
गुणवत्ता साफ रही, मगर अक्तूबर के दूसरे पखवाड़े से प्रदूषण स्तर बढ़ने लगा।


इसके बाद से लोग लगातार प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। 20 अक्तूबर के बाद से अभी तक
एक दिन भी वायु गुणवत्ता साफ नहीं रही है। इस दौरान ज्यादातर समय हवा खराब, बेहद खराब, गंभीर
और अत्यंत गंभीर श्रेणी में रही। हालांकि, अब इस स्थिति से थोड़ी राहत मिलती दिख रही है। दिल्ली के
ज्यादातर इलाकों में सोमवार की शाम हल्की बूंदाबांदी हुई थी, लेकिन इसका प्रदूषण पर खास असर नहीं
हुआ। मंगलवार सुबह वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी के ऊपरी स्तर पर थी, मगर मंगलवार दिन में भी
दिल्ली के कई इलाकों में हल्की बूंदाबांदी हुई, जिसके बाद प्रदूषण की स्थिति में सुधार देखा गया


केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, मंगलवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 312
रहा। इस स्तर की हवा को बेहद खराब श्रेणी में रखा जाता है। मगर यह बेहद खराब श्रेणी का शुरुआती
स्तर है। सोमवार को यह सूचकांक 395 था, यानी 24 घंटे के भीतर इसमें 83 अंकों का सुधार हुआ है।
सिर्फ एक इलाके की हवा गंभीर श्रेणी में : सोमवार को दिल्ली के 18 इलाके ऐसे थे, जहां वायु गुणवत्ता
सूचकांक 400 के ऊपर यानी गंभीर श्रेणी में रहा। मगर बूंदाबांदी और हवा की रफ्तार बढ़ने से मंगलवार

को सिर्फ एक इलाके का सूचकांक 400 के ऊपर रहा। आईटीओ की हवा मंगलवार को सबसे ज्यादा
प्रदूषित रही। यहां का सूचकांक 420 यानी गंभीर श्रेणी में रहा।

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