मायावती ने संत रविदास की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की


मायावती ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि संत रविदास का संदेश ‘कर्म’ के
माध्यम से मानवता और सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण का था।


उन्होंने कहा कि संत रविदास के संदेश को भुला दिया गया है। उनका संदेश संकीर्ण राजनीतिक और
चुनावी हितों के लिए नहीं बल्कि मानवता और सार्वजनिक सेवा के लिए था। बसपा प्रमुख ने कहा,
”इसके परिणामस्वरूप, यहां के बहुजनों का जीवन समस्याओं से भरा हुआ है।”


मायावती ने कहा, ”ऐसे लोगों से सावधान रहना जरूरी है जो राजनीतिक लाभ के लिए उनके सामने
झुकते हैं।”


मायावती के इस बयान से ठीक एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने विपक्षी गुट ‘इंडिया’ पर तीखा
हमला करते हुए कहा था कि इसके सदस्य जाति के नाम पर लोगों को भड़काने और लड़ाने में विश्वास
रखते हैं।


इस मौके पर मोदी ने संत रविदास के एक दोहे का जिक्र किया और उसकी व्याख्या करते हुए कहा था
”ज्यादातर लोग जात-पात के फेर में उलझे रहते हैं, उलझाते रहते हैं, जात-पात का यही रोग मानवता का
नुकसान करता है।”


मायावती ने कहा, ”महान संत गुरु रविदास जी के आदर-सम्मान में व उनकी स्मृति को बनाये रखने के
लिये बसपा सरकार ने उत्तर प्रदेश में अनेक कार्य किये। बसपा सरकार ने संत रविदास जी के नाम पर
भदोही को जिला मुख्यालय का दर्जा सुरक्षित रखते हुए नया संत रविदास जिला बनाया, जिसे सपा
सरकार ने जातिवादी व राजनीतिक द्वेष के कारण बदल दिया।”

उन्होंने कहा,” वर्तमान भाजपा सरकार ने भी इसका नाम अब तक बहाल नहीं किया है, जो यह अति-
दुखद है।” उन्‍होंने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा इसका नाम पुन बहाल नहीं करना यह साबित करता
है कि दोनों पार्टियों की सोच एक जैसी है।

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