उत्तराखंड के बड़कोट में बादल फटने से बड़ा हादसा, 17 Laborer मजदूर लापता; रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
उत्तरकाशी, उत्तराखंड:
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद के बड़कोट क्षेत्र में देर रात बादल फटने के कारण एक बड़ा और दुखद हादसा हो गया है। इस घटना में, एक निर्माण स्थल पर काम कर रहे 17 मजदूर Laborer सैलाब में बह गए हैं, जिनकी तलाश जारी है।
यह हादसा, जानकारी के अनुसार, देर रात करीब एक बजे हुआ जब अचानक बादल फटने से पानी का तेज बहाव आया और सभी Laborer मजदूर इसमें बह गए।

हादसे की सूचना मिलते ही राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) और पुलिस की टीमें तुरंत मौके पर पहुंच गईं और रेस्क्यू ऑपरेशन (बचाव अभियान) शुरू कर दिया गया है। क्षेत्र में लगातार हो रही तेज बारिश और भूस्खलन के कारण मलबा आने से हालात काफी गंभीर बने हुए हैं।
रेस्क्यू टीमें मलबे में दबे और लापता Laborer मजदूरों की तलाश में जुटी हुई हैं, लेकिन खराब मौसम और दुर्गम परिस्थितियां बचाव कार्य में बाधा डाल रही हैं। यह घटना उत्तराखंड की संवेदनशील भौगोलिक स्थिति और मानसून के दौरान होने वाली प्राकृतिक आपदाओं के जोखिम को फिर से उजागर करती है।
बादल फटने से बड़ा नुकसान और यातायात पर असर
इस भीषण बादल फटने की घटना से न केवल जनहानि की आशंका है, बल्कि क्षेत्र में व्यापक नुकसान की भी खबर है। सूचना के अनुसार, आस-पास की नदी-नालों का जलस्तर अचानक बढ़ गया है, जिससे कई स्थानों पर भारी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है।
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-94) भी कई स्थानों पर अवरुद्ध हो गया है। विशेष रूप से, स्यानचट्टी के पास नाले में भारी मलबा आने से यमुना नदी का प्राकृतिक बहाव रुक गया है। इससे स्यानचट्टी के निचले इलाके में बने होटलों और अन्य ढाँचों को खतरा पैदा हो गया है, क्योंकि नदी का पानी जमा हो रहा है और कभी भी भीषण रूप ले सकता है।
जिला आपदा प्रबंधन केंद्र के अनुसार, तहसील बड़कोट के सिलाई बैण्ड नामक स्थान पर अतिवृष्टि/बादल फटने की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ, पुलिस और राजस्व विभाग की टीमों को तुरंत उक्त स्थान पर भेजा गया। सैलाब आने से निर्माण कार्य में लगे सभी मजदूर Laborer लापता बताए जा रहे हैं।
सर्च अभियान पूरी गति से जारी है, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलाई बैण्ड के पास के मार्ग भी दो-तीन स्थानों पर अवरुद्ध हैं, जिसकी सूचना NH बड़कोट को दे दी गई है ताकि मार्ग को जल्द से जल्द खोला जा सके।

स्थानीय प्रशासन अलर्ट पर और सतर्कता की अपील
यह घटना यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-94) पर सिलाई बैण्ड के पास हुई है, जिसके कारण दो से तीन जगहों पर मलबा आने से मार्ग अवरुद्ध हो गया है। इस भीषण हादसे से कुथनौर गांव में ग्रामीणों की खेती योग्य भूमि को भी भारी नुकसान हुआ है, जिससे स्थानीय किसानों की आजीविका पर सीधा असर पड़ा है। हालांकि, राहत की बात यह है कि अभी तक किसी प्रकार की जनहानि या पशुहानि की कोई सूचना नहीं मिली है, सिवाय लापता मजदूरों Laborer के।
स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें पूरी तरह से अलर्ट पर हैं और क्षेत्र में लगातार निगरानी बढ़ा दी गई है।|प्रशासन द्वारा आम जनता से सतर्कता बरतने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की गई है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां बादल फटने या भूस्खलन का खतरा अधिक है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत प्रशासन को सूचित करने की सलाह दी गई है।
उत्तराखंड, विशेष रूप से उत्तरकाशी जैसे पहाड़ी जिले, मानसून के दौरान बादल फटने और भूस्खलन जैसी घटनाओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होते हैं। यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि पहाड़ी क्षेत्रों में निर्माण कार्यों और मानवीय गतिविधियों के दौरान अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे सभी कर्मियों की सुरक्षा और लापता मजदूरों Laborer की सकुशल बरामदगी के लिए प्रार्थनाएं की जा रही हैं। सरकार और आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों को ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए अपनी तैयारियों को और Laborer मजबूत करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।
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