Loni बारिश के चलते परमहंस विहार लक्ष्मी गार्डन कॉलोनी में शुक्रवारसुबह गाटर पत्थर से बने 50 वर्ग गज के मकान के एक कमरे की छत और दीवार ढह गई। हादसेके वक्त कमरे में सो रही महिला और उसकी दो बेटियां मलबे में दबने से घायल हो गईं। घायलों कोउपचार के लिए दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां महिला की Murder हो गई। वहीं,
एक बेटी की हालत स्थिर बताई जा रही।
Murder
परमहंस विहार लक्ष्मी गार्डन कॉलोनी में 52 वर्षीया सुंदरीअपनी बेटियों 20 वर्षीया वर्षा, 15 वर्षीया प्रीति, 13 वर्षीया लक्ष्मी, 24 वर्षीय बेटे राजन और 17वर्षीय बेटे सागर के साथ 50 वर्ग गज के मकान में रह रही थीं।सुंदरी के पति अशोक की तीन वर्ष पूर्व Murder हो चुकी है। बताया जा रहा है कि मकान की छत गाटर,टी आयरन और लकड़ी आदि से बनी थी। गुरुवार रात सुंदरी बेटी वर्षा और लक्ष्मी के साथ एक कमरेमें सो रही थीं, जबकि दूसरे कमरे में दोनों बेटे और बेटी प्रीति सो रही थी।
शुक्रवार सुबह करीब पांचबजे सुंदरी के कमरे की छत और दीवार का हिस्सा ढह गया। मलबे में सुंदरी और उनकी दोनों बेटियां
मलबे में दब गईं। दीवार और छत गिरने की आवाज सुनकर बेटों ने मोहल्ले के लोगों को मदद केलिए पुकारा। स्थानीय लोगों ने सुंदरी, वर्षा और लक्ष्मी को मलबे से निकालकर उपचार के लिएजीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया था। वहां चिकित्सकों ने सुंदरी को मृत घोषित कर दिया। वर्षा कीहालत स्थिर बताई जा रही, जबकि लक्ष्मी को छुटटी मिल गई है।
जर्जर हो चुका था मकानसुंदरी जिस मकान में रहती थीं, वह आधा कच्चा और आधा पक्का बना हुआ था। साथ ही, करीब
30 वर्ष पुराना हो चुका था। मकान की छत कच्ची मिट्टी की थी। बारिश का पानी छत पर भरने केकारण कमजोर हो चुके गाटर पत्थर का भार नहीं झेल पाए और हादसा हो गया।अकेले बच्चों की परवरिश कर रही थींबताया जा रहा कि सुंदरी बहुत गरीब थीं। पति की मौत के बाद बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारीउन्हीं पर थी। वह घर में सिलाई और छोटे-छोटे कार्य कर रोजी-रोटी का जुगाड़ करती थीं। उनकीबेटियां काम में हाथ बंटाती थीं, जबकि एक बेटा बीटेक कर रहा और दूसरा 11वीं कक्षा का छात्र है।
प्रधानमंत्री की शहरी विकास योजना के तहत मकान बनाने के लिए पैसे मिलने के बारे में उन्हेंजानकारी नहीं थी।
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