एक बार फिर से दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल आमने सामने आ
गए हैं। इस बार मुद्दा है दिल्ली की सोलर पॉलिसी। दिल्ली सरकार ने बुधवार को दावा किया कि
उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने सरकार की सोलर पॉलिसी रोक ली है। एलजी इस योजना को पास
नहीं कर रहे हैं।
दिल्ली की मंत्री आतिशी ने इस मुद्दे को दिल्ली विधानसभा में उठाया और इस मुद्दे
पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। उन्होंने कहा कि पहले एलजी फाइल रोके रखे। जब मैने व्यक्तिगत रूप से
फाइल के बारे में पूछा। जब फ़ाइल कई आपत्तियों के साथ वापस आई, तो यह एक अधिकारी से दूसरे
अधिकारी के पास चली गई।
आतिशी ने आरोप लगाया कि आज एलजी साहब एक संवैधानिक पद पर बैठने के बावजूद बीजेपी की
तरफ से बैटिंग कर रहे हैं। उन्होंने उपराज्यपाल से नीति कार्यान्वयन में देरी करने के प्रयास नहीं करने
का आग्रह किया और कहा कि यह एक उत्कृष्ट नीति है और इससे प्रदूषण में कमी आएगी। कृपया इसमें
देरी करने का प्रयास न करें। वहीं, एलजी हाउस की ओर से कहा कि गया कि अरविंद केजरीवाल आदतन
झूठ बोल कर लोगों को गुमराह कर रही है।
उपराज्यपाल ने सोलर पॉलिसी नहीं रोकी है। पॉलिसी में ऐसा
कोई प्रावधान नहीं है, जिससे लोगों के बिजली बिल जीरो हो जाते। उलटे पालिसी में एक रेसको प्रावधान
है, जिससे सिर्फ निजी बिजली कंपनियों को फ़ायदा होगा। आगे कहा गया कि उपराज्यपाल ने इसी
प्रावधान पर विवरण मांगा है।
एलजी ने यह भी पूछा है कि क्या इस पॉलिसी में भारत सरकार की
हज़ारों करोड़ की कैपिटल सब्सिडी से उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाने के लिये सामन्जस्य का प्रावधान है?