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Toggleहिमाचल में भूस्खलन से तबाही 38 Roads/ सड़कें बंद
हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने सामान्य जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। विशेष रूप से सराज विधानसभा क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं, जिसने पूरे क्षेत्र को आपातकाल जैसी स्थिति में धकेल दिया है।
भूस्खलन और चट्टानों के गिरने से Roads/ सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे सैकड़ों लोग फंस गए हैं। बिजली आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है, जिससे बड़े इलाकों में अंधेरा छाया हुआ है।

सराज में अंधेरा, आवाजाही ठप
सराज विधानसभा क्षेत्र में देर रात से हो रही लगातार बारिश के कारण लोगों की आवाजाही पूरी तरह से अवरुद्ध हो गई है। चैलचौक-जंजैहली मार्ग पर भारी भूस्खलन के कारण Roads/ सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे सैकड़ों वाहन और लोग घंटों फंसे रहे। सुबह तक, राज्य भर में 38 सड़कें पूरी तरह से बंद रहीं।
स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लगभग 98 ट्रांसफार्मर ठप हो जाने के कारण आधा सराज अंधेरे में डूबा हुआ है। जंजैहली पीडब्ल्यूडी मंडल के अंतर्गत लगभग 350 Roads/सड़कें आती हैं, जिनमें से 56 मुख्य मार्ग हैं। लेकिन इस समय पूरे मंडल में सिर्फ छह जेसीबी मशीनें तैनात हैं।
इन मशीनों को भी पर्याप्त ईंधन और कर्मचारियों की कमी का सामना करना पड़ रहा है, जिससे वे सुचारू रूप से कार्य नहीं कर पा रही हैं। स्थानीय लोगों ने सुबह 7 बजे सड़कों को खोलने के लिए संपर्क किया, लेकिन मशीनें दोपहर एक बजे तक ही मौके पर पहुंच सकीं, जो राहत कार्य में देरी को दर्शाता है।
घरों में घुसा पानी, लोग पलायन को मजबूर
लगातार हो रही बारिश के कारण कई लोगों के घरों में पानी भर गया है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। कई निचले इलाकों से लोगों को पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है ताकि वे सुरक्षित स्थानों पर जा सकें। यह स्थिति स्थानीय प्रशासन और आपदा राहत टीमों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।
मुख्यमंत्री ने दिए स्कूल बंद करने के आदेश
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई की है। मौसम विभाग द्वारा बारिश का रेड अलर्ट जारी करने के बाद, उन्होंने मंडी, कांगड़ा, सोलन और सिरमौर जिलों में बच्चों के स्कूल बंद करने के आदेश दिए हैं।
बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्हें घर पर ही रहने की सलाह दी गई है। यह कदम संभावित खतरों से निपटने के लिए एहतियाती तौर पर उठाया गया है।

राजमार्ग बाधित, बचाव कार्य जारी
भारी भूस्खलन और Roads/ सड़कों के बंद होने से पूरे क्षेत्र की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई है। राजमार्ग बाधित हो गए हैं, जिससे यातायात पूरी तरह से रुक गया है। लोगों को आने-जाने के लिए वैकल्पिक मार्गों का सहारा लेना पड़ रहा है, जो अक्सर लंबे और खतरनाक होते हैं।
मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे रात में यात्रा करने से बचें, खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में। बहुत अधिक आवश्यकता होने पर ही घर से बाहर निकलने की सलाह दी गई है। वहीं, इस भूस्खलन और बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने और राहत कार्यों को अंजाम देने के लिए एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) और एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं। बचाव दल लगातार काम कर रहे हैं ताकि फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके और प्रभावित क्षेत्रों में मदद पहुंचाई जा सके।
यह प्राकृतिक आपदा हिमाचल प्रदेश के सामने एक बड़ी चुनौती पेश कर रही है, और सरकार के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन भी स्थिति को सामान्य करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है।