किसानों के प्रदर्शन के कारण दिल्ली की सीमाओं पर जाम, सुरक्षा बढ़ाई गयी

किसानों के विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली की सीमाओं पर बुधवार
को यातायात प्रभावित हुआ। पुलिस ने यह जानकारी दी।
बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की वजह से दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर और दिल्ली-नोएडा
सीमा पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें देखी गयीं।


दिल्ली पुलिस के मुताबिक, पुलिस बल टिकरी, सिंघु और गाजीपुर सीमाओं के साथ-साथ रेलवे, मेट्रो
स्टेशनों और बस अड्डों पर कड़ी निगरानी रखेगा।
एक अधिकारी ने बताया, ”हमने तीनों सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी है। हालांकि हमने कोई सीमा या मार्ग
को बंद नहीं किया है लेकिन वाहनों की जांच की जाएगी।”


एक अन्य अधिकारी ने बताया, ”हमने सिंघु और टिकरी सीमाओं पर अस्थायी रूप से लगाए गये
अवरोधकों को वाहनों की आवाजाही के लिए हटा दिया है। हालांकि पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान
अभी भी तैनात हैं और (वे) चौबीसों घंटे कड़ी निगरानी सुनिश्चित करेंगे।”


रेलवे, मेट्रो स्टेशनों और बस अड्डों पर अतिरिक्त पुलिस व अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है
क्योंकि किसानों के ट्रेन व बस जैसे सार्वजनिक परिवहनों से भी आने की उम्मीद है।
अधिकारी ने बताया, ”दिल्ली में पहले से ही धारा 144 लागू है। हम यहां कहीं भी किसी सभा या
कार्यक्रम की अनुमति नहीं देंगे।”


अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (शाहदरा) राजीव कुमार ने कहा, ”जानकारी के मुताबिक, किसान आज
(बुधवार) दिल्ली के लिए मार्च शुरू कर सकते हैं। इसलिए सुरक्षा बढ़ा दी गयी है और बलों को तैनात
किया गया है।”उन्होंने बताया कि पूरी कोशिश की जा रही है कि यातायात प्रभावित न हो।

अंतरराज्यीय बस अड्डों (आईएसबीटी) कश्मीरी गेट, आनंद विहार और सराय काले खां पर सुरक्षा बढ़ा दी
गई है।


अधिकारी ने बताया, ”किसी को भी कानून का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।”
मध्य दिल्ली के रहने वाले प्रवेश कुमार जैसे ही सिंघु बॉर्डर पहुंचे उन्हें लंबा जाम देखने को मिला।
कुमार ने कहा, ”मैं किसी काम से चंडीगढ़ जा रहा हूं। आजादपुर के निकट और सिंघु बॉर्डर के पास बहुत
लंबा जाम है। दिल्ली पार करने में मुझे घंटों लगेंगे।”


दोनों नेताओं ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी सहित अपनी कई मांगों के
समर्थन में 10 मार्च को चार घंटे के देशव्यापी ‘रेल रोको’ आंदोलन का भी आह्वान किया है।
नेताओं ने कहा कि किसी किसान का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो
जातीं तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।


पिछले महीने पंजाब-हरियाणा सीमा पर खनौरी में सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच झड़प
के बाद 21 वर्षीय एक किसान की मौत हो गई थी और कुछ अन्य किसान घायल हुए थे।
किसानों ने 13 फरवरी को अपना मार्च शुरू किया था लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक दिया, जिसके
परिणामस्वरूप झड़पें हुई थीं।

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