जयपुर हेरिटेज नगर निगम ने एक बार उपयोग होने वाले plasticउत्पादों (एसयूपी) को सीमेंट निर्माण संयंत्रों को बेचकर इसे लाभप्रद उद्यम बना दिया है।निगम ने अभियान के दौरान जब्त हजारों टन एसयूपी को दोबारा इस्तेमाल योग्य बनाकर बेचने की नईपहल की है। निगम ने प्रकृति के लिए हानिकारक पॉलीथिन को नष्ट करने के बजाय लांगड़ियावास औरमथुरादापुरा ‘डंप यार्ड’ में ‘रिफ्यूज डिराइव्ड फ्यूल’ (आरडीएफ) मशीन लगाई हैं,
ताकि plastic कोकुचलकर उसे दोबारा इस्तेमाल योग्य बनाकर सीमेंट निर्माण संयंत्रों को बेचा जा सके और इससे कुर्सियां,
मेज आदि जा सकें।अधिकारियों ने बताया कि निगम ने पिछले तीन-चार महीनों में अपनी कार्रवाई के दौरान करीब 6,000
किलोग्राम एसयूपी को जब्त किया है और इसे दोबारा इस्तेमाल करने योग्य बनाने के बाद सीमेंट संयंत्रोंको बेचकर राजस्व अर्जित किया है।

plastic
जयपुर हेरिटेज नगर निगम आयुक्त अभिषेक सुराणा ने कहा, ‘‘अभियान के दौरान जब्त इसplasticका निस्तारण हमारे सामने बड़ी समस्या थी। ‘डंप यार्ड’ में आरडीएफ मशीनें लगाई गईं, ताकि प्लास्टिकको काटकर सीमेंट बनाने वाले संयंत्रों को इन्हें बेचा जा सके। इससे निगम को राजस्व भी मिलने लगाहै।’’उन्होंने बताया कि प्लास्टिक का उपयोग सड़क बनाने में भी किया जा सकता है और निगम इसकीसंभावना भी तलाश रहा है।
उन्होंने बताया कि नगर निगम की स्वास्थ्य शाखा ने एसयूपी के खिलाफ व्यापक अभियान चलाकर6,000 किलोग्राम से अधिक plastic उत्पाद जब्त किए हैं और उल्लंघनकर्ताओं के चालान काटकर 35लाख रुपए वसूले गए हैं तथा सीमेंट संयंत्रों को plastic बेचकर अच्छी खासी कमाई भी हुई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने एक बार उपयोग होने वाले plastic उत्पादों पर एक जुलाई,2022 से प्रतिबंध लगा दिया है।
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