Israel इजरायल-ईरान संघर्ष: क्या अमेरिका की एंट्री से भड़केगी विश्व युद्ध की आग?
इजरायल और ईरान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है, और इस बढ़ते द्वंद्व में अब संयुक्त राज्य अमेरिका की संभावित एंट्री ने वैश्विक भू-राजनीति में हलचल मचा दी है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इजरायल के साथ खड़े होने के वादे ने इस संघर्ष को एक नया आयाम दे दिया है, जिससे ईरान ने अमेरिका पर दुश्मनी मोल लेने का आरोप लगाया है।
इजरायली israel अधिकारियों का मानना है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम के मद्देनजर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जल्द ही इस संघर्ष में शामिल हो सकते हैं। इजरायल ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि ईरान से लेकर रूस तक, इस युद्ध ने अमेरिका को एक स्पष्ट चेतावनी दी है, जिसका जवाब अमेरिका अपनी सैन्य शक्ति के साथ बेहतर तरीके से देगा। यह बयान ऐसे समय में आया है जब दुनिया एक बड़े क्षेत्रीय संघर्ष की आशंका से घिरी हुई है।
ट्रंप का दावा: 24-48 घंटे में हमला?
ट्रंप ने दावा किया है कि ईरान पर हमला अगले 24 से 48 घंटों के भीतर हो सकता है, जिससे अमेरिका का रुख स्पष्ट हो जाएगा। अमेरिका की संभावित संलिप्तता पर इजरायली अधिकारियों की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि अमेरिका को किसी भी तरह के दबाव में इसमें शामिल नहीं किया जा रहा है; बल्कि यह ट्रंप का व्यक्तिगत निर्णय है कि वह खुद इस युद्ध में शामिल होंगे और ईरान को अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन करेंगे। यह बयान दर्शाता है कि इजरायल अमेरिका के समर्थन को कितना महत्वपूर्ण मान रहा है और ट्रंप के बयानों को कितनी गंभीरता से लिया जा रहा है।
“खामेनेई हिटलर है” – इजरायल israel का तीखा हमला
इजरायल israel के रक्षा मंत्री ने ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई पर तीखा हमला करते हुए उन्हें “हिटलर” बताया। उन्होंने कहा कि “खान जैसा शहंशाह या तानाशाही” को जीने का अधिकार नहीं है, क्योंकि उसने हमेशा लोगों को सताया है और इजरायल को खत्म करना चाहता है। इजरायली israel अधिकारियों ने यह भी बताया कि ये बातें केवल उनकी व्यक्तिगत राय नहीं हैं, बल्कि व्हाइट हाउस में इन सब चीजों पर चर्चा की गई थी। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कथित तौर पर यह भी कहा था कि वह दो हफ्तों के भीतर अपना अंतिम निर्णय लेंगे और ईरान को “मुंहतोड़ जवाब” देंगे। यह बयान इजरायल के भीतर ईरान के प्रति व्याप्त गहरे आक्रोश और अमेरिका से मिल रहे मजबूत समर्थन को दर्शाता है।
ट्रंप के फैसले पर अन्य देशों में नाराजगी
डोनाल्ड ट्रंप के इस तरह के बयानों ने अन्य देशों, विशेष रूप से रूस और चीन में नाराजगी पैदा की है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस संघर्ष को सुलझाने के लिए तत्काल युद्धविराम का आह्वान किया है। उन्होंने जोर दिया कि युद्ध के दौरान जान और माल दोनों की हानि होती है, जो किसी भी देश के लिए अच्छी नहीं है। जिनपिंग ने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय विवादों को “बल के प्रयोग” से नहीं सुलझाया जा सकता, बल्कि “बुद्धि और विवेक” से किसी भी युद्ध को समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने दोनों देशों से शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व के लिए विवेक के साथ युद्ध को समाप्त करने का आग्रह किया। चीन का यह रुख शांतिपूर्ण समाधान पर जोर देता है और सैन्य हस्तक्षेप के परिणामों के प्रति आगाह करता है।

ईरान और रूस एकजुट होते हुए
ईरान और इजरायल israel के बीच छिड़ी इस जंग में रूस भी कहीं न कहीं अपनी सैन्य ताकत दिखाने पर बल दे रहा है। रूस ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि अमेरिका इस जंग में कूदता है, तो इसके परिणाम “काफी गंभीर” होंगे। इस दौरान, रूस और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने भी israel इजरायल-ईरान युद्ध को तत्काल समाप्त करने और परमाणु मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने की बात कही है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने UAE अध्यक्ष से फोन पर बातचीत के दौरान इन मुद्दों पर चर्चा की और इस बात पर जोर दिया कि युद्ध को कैसे रोका जाए। रूस का यह रुख ईरान के साथ उसकी बढ़ती निकटता और अमेरिका के संभावित हस्तक्षेप पर उसकी चिंताओं को दर्शाता है।
कुल मिलाकर, इजरायल-ईरान संघर्ष एक जटिल और खतरनाक मोड़ पर आ गया है, जिसमें अमेरिका की संभावित एंट्री ने वैश्विक तनाव को और बढ़ा दिया है। जहां इजरायल israel अमेरिका के समर्थन का स्वागत कर रहा है, वहीं रूस और चीन जैसे देश शांतिपूर्ण समाधान और सैन्य हस्तक्षेप से बचने पर जोर दे रहे हैं। यह देखना बाकी है कि आने वाले दिनों में यह स्थिति क्या मोड़ लेती है और क्या विश्व एक बड़े संघर्ष की ओर बढ़ रहा है।
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