गौतमबुद्ध नगर को औद्योगिक क्लस्टर के रूप में विकसित करने के
लिए यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यीडा) ने अपैरल पार्क क्लस्टर की स्थापना की है.
यह यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण द्वारा स्थापित पहला औद्योगिक क्लस्टर है. इस क्लस्टर में अपने
उद्योग लगाने को लेकर उद्यमियों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है. इस सेक्टर में 70 से अधिक
औद्योगिक इकाइयों द्वारा यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण में टेक्सटाइल क्लस्टर के भूखंडों की मांग की जा
रही है. लगातार बढ़ती इस मांग को देखते हुए अब प्राधिकरण जल्द ही इसका विस्तार करेगा.दरअसल,
सेक्टर 29 में इस अपैरल पार्क क्लस्टर की स्थापना की है, जिसका कुल क्षेत्रफल 175 एकड़ है. इसमें
कुल 89 भूखंड है, जिनमें से 81 भूखंड आवंटित किए जा चुके हैं तथा 64 भूखंडों का लीज प्लान और
चेक लिस्ट इशू की जा चुकी है. इनमें से 39 भूखंडों पर भौतिक कब्जा पत्र भी प्राधिकरण के द्वारा
वितरित किया जा चुका है. इस अपैरल पार्क के कारण ही गौतमबुद्ध नगर को सिटी ऑफ अपैरल के
नाम से भी जाना जाता है.
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि प्राधिकरण के
इस अपैरल पार्क को बल्लभगढ़ के पास से दिल्ली नोएडा एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा. इसके लिए
एनएचएआई द्वारा कार्य शुरू कर दिया गया है. प्राधिकरण क्षेत्र में रैपिड रेल एनसीआरटीसी की स्टडी भी
प्रारंभ कर दी गई है. इस क्षेत्र में देश का पहला और विश्व का छठा पॉड टैक्सी सिस्टम बनाया जाएगा.
प्राधिकरण के औद्योगिक क्षेत्र के अंदर कन्वेंशन सेंटर, एग्जिबिशन सेंटर व डेडीकेटेड कार्गो की स्थापना
की जाएगी. जेवर में निर्माणाधीन नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में डेडीकेटेड कार्गो विकसित किया
जाएगा.प्राधिकरण द्वारा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में औद्योगिक भूखंडों पर
दी जा रही 1.5 एफएआर को बढ़ाकर 2.0 करने का फैसला लिया गया है. जिस पर शासन स्तर से जल्द
ही मंजूरी मिलने की संभावना है. इसके साथ ही औद्योगिक भूखंडों में ग्राउंड कवरेज को बढ़ाकर 60
प्रतिशत करने का भी निर्णय लिया गया है.
यहां पर रोजगार को बढ़ावा देने के लिए स्किल डेवलपमेंट
सेंटर की स्थापना की जाएगी, जिससे उद्योगों में स्थानीय युवाओं को रोजगार मिल सके.