बांके बिहारी कॉरिडोर पर हेमा मालिनी का बयान: “जो विरोध कर रहे, वे वृंदावन छोड़ दें”, स्थानीय लोगों में आक्रोश
वृंदावन, उत्तर प्रदेश:
वृंदावन में प्रस्तावित श्री बांके बिहारी मंदिर Corridor कॉरिडोर को लेकर चल रहा राजनीतिक और सामाजिक घमासान अब एक नए मोड़ पर आ गया है. पहले इस Corridor कॉरिडोर का स्थानीय लोग पुरजोर विरोध कर रहे थे, लेकिन सरकार द्वारा मकान के बदले मकान और दुकान के बदले दुकान देने के आश्वासन के बाद सहमति बनती दिख रही थी.
हालांकि, हाल ही में मथुरा से बीजेपी सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री हेमा मालिनी के एक बयान ने इस पूरे मामले को फिर से गरमा दिया है, जिससे स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है.

हेमा मालिनी का विवादास्पद बयान
मथुरा सांसद हेमा मालिनी ने बांके बिहारी Corridor कॉरिडोर का विरोध कर रहे लोगों को वृंदावन छोड़ने की सलाह दी है. उनका यह बयान एक वीडियो के जरिए वायरल हो रहा है, जिसमें वह साफ तौर पर कह रही हैं कि Corridor “कॉरिडोर बनकर रहेगा और जो विरोध कर रहे हैं, वे वृंदावन छोड़कर कहीं और चले जाएं.” इस बयान के बाद ब्रज के लोगों में जबरदस्त गुस्सा है और कई लोग सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना कर रहे हैं.
यह बयान ऐसे समय में आया है जब प्रशासन 275 भवनों के सर्वे के आधार पर Corridor कॉरिडोर निर्माण में तेजी ला रहा है, जिनमें से 70 का सत्यापन हो चुका है.
हेमा मालिनी का यह कहना है कि Corridor कॉरिडोर बनने से वृंदावन का विकास होगा और श्रद्धालुओं को सुविधाएं मिलेंगी, लेकिन उनके बयान के तरीके ने स्थानीय भावनाओं को ठेस पहुंचाई है.
स्थानीय लोगों का विरोध और बाद में सहमति
दरअसल, वृंदावन में प्रस्तावित Corridor कॉरिडोर का मुद्दा शुरुआत से ही स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय रहा है. जब से श्री बांके बिहारी मंदिर न्यास अध्यादेश और कॉरिडोर का प्रस्ताव सामने आया है, स्थानीय स्तर पर लोग इसका विरोध कर रहे हैं. ब्रज के लोगों का मुख्य सरोकार यह था कि Corridor कॉरिडोर बनने से उनके आवास और उनकी दुकानें छीन जाएंगी, जिससे उनकी आजीविका प्रभावित होगी.
विरोध प्रदर्शन कभी तेज होते थे तो कभी धीमे पड़ जाते थे, लेकिन स्थानीय लोग अपनी जमीन और संपत्ति को लेकर अपनी चिंताएं लगातार व्यक्त करते रहे. सरकार की ओर से उन्हें यह आश्वासन दिया गया कि उन्हें उनकी संपत्ति के बदले दुकान के बदले दुकान और आवास की जगह आवास दिया जाएगा.
कड़ी मशक्कत और कई दौर की बातचीत के बाद, स्थानीय लोगों को यह बात समझ आई और वे पहले से चले आ रहे विरोध प्रदर्शन को खत्म कर सरकार के प्रस्ताव पर तैयार हो गए. यह एक बड़ी सफलता मानी जा रही थी कि स्थानीय समुदाय ने विकास परियोजना के लिए अपनी सहमति दे दी है.

Corridor/कॉरिडोर बनने की तैयारी में तेजी
स्थानीय लोगों की सहमति के बाद, प्रशासन अब बांके बिहारी Corridor कॉरिडोर बनाने के लिए तेजी से काम कर रहा है. 2023 में एक व्यापक सर्वे किया गया था, और अब उसी सर्वे के आधार पर आगे बढ़ा जा रहा है.
इस सर्वे में लगभग 275 भवन और दुकानें Corridor/कॉरिडोर के रास्ते में आ रही हैं. प्रशासन ने इनमें से 70 भवनों का सत्यापन कर लिया है और बाकी भवनों का भी सत्यापन कार्य जारी है.
हालांकि, श्रीबांकेबिहारी मंदिर गलियारे को लेकर प्रशासन और मंदिर के सेवादारों के बीच अभी भी कुछ मतभेद बने हुए हैं, लेकिन इसके बावजूद सर्वे का काम लगातार जारी है. प्रशासन का लक्ष्य है कि जल्द से जल्द सभी आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा कर कॉरिडोर निर्माण का कार्य शुरू किया जा सके.
विवाद के बीच भविष्य की राह
हेमा मालिनी के इस बयान ने निश्चित रूप से Corridor कॉरिडोर निर्माण के प्रति एक बार फिर से अशांति पैदा कर दी है. जहां एक ओर सरकार और प्रशासन विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाना चाहते हैं, वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है. इस तरह के विवादास्पद बयान विकास परियोजनाओं के लिए बनी सहमति को कमजोर कर सकते हैं.
यह देखना दिलचस्प होगा कि हेमा मालिनी के बयान के बाद स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया क्या रहती है और क्या यह बयान Corridor कॉरिडोर निर्माण की गति को प्रभावित करेगा.
प्रशासन को न केवल भूमि अधिग्रहण और मुआवजे के मुद्दों को प्रभावी ढंग से संभालना होगा, बल्कि स्थानीय समुदाय के साथ एक सौहार्दपूर्ण संबंध भी बनाए रखना होगा ताकि बांके बिहारी Corridor कॉरिडोर का निर्माण सुचारू रूप से हो सके और यह ब्रज के विकास में एक मील का पत्थर साबित हो.
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