Greater noida थाना कासना पर अभियोग पंजीकृत कराया गया था कि उसके पिता प्रकाश बोसक की अज्ञात अभियुक्त के द्वारा हत्या कर दी गयी है। उक्त सूचना पर पुलिस उच्चाधिकारीगण के निर्देशानुसार थाना कासना पुलिस द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण कराते हुए साक्ष्य एकत्र किये गये एवं तत्काल अभियोग पंजीकृत करते हुए अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु पुलिस टीम का गठन किया गया।
कार्यवाही का विवरणः
थाना कासना पुलिस द्वारा प्राप्त साक्ष्यों व मैनुअल इंटेलिजेंस की सहायता से उपरोक्त घटना में शामिल मृतक के पुत्र अभि0 संतोष बोसक(वादी मुकदमा) पुत्र स्व0 प्रकाश बोसक को दनकौर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया है।
मृतक प्रकाश बोसक मूल रूप से गाँव बहोरा थाना टेढागाज जनपद किशनगंज राज्य बिहार के रहने वाले थे तथा लगभग 20 वर्ष पूर्व नोएडा मे आकर किराए पर रहने लगे थे। मृतक प्रकाश व उसके बडे पुत्र संतोष के द्वारा वर्ष 2022 में निजी बैंक से लगभग साढ़े बारह लाख रूपये का होम लोन लेकर जनपद बुलंदशहर में एक घर खरीदा गया था, जिसकी प्रतिमाह क़िस्त लगभग 12,500 रूपये थी। हर महीने की क़िस्त चुका पाना मृतक के परिवार के लिए बहुत मुश्किल हो रहा था, इस लिए अभियुक्त संतोष और उसके पिता मृतक प्रकाश ने सोचा की हम दूसरा लोन ले लेते हैं जिससे होम लोन भी खत्म हो जायेगा और कुछ पैसे भी मिल जायेंगे। इसी कारण दोना ने दूसरी हाउसिंग फाईनेन्स से लगभग इक्कीस लाख रूपये का लोन प्राप्त किया जिसमे से उन्हे लगभग साढ़े बीस लाख रूपये मिले।
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इनके द्वारा साढ़े बारह लाख रूपये निजी बैंक के होम लोन में जमा कर दिए तथा शेष लगभग 7,69,000 रूपये अभि0 संतोष ने अपने फर्म पीएसजी मसाला के बैंक खाते में जमा कर दिए। इस लोन पर मृतक प्रकाश का जीवन बीमा 60 प्रतिशत का था। इस लोन की क़िस्त लगभग 27,000 रूपये प्रतिमाह थी जो बहुत अधिक थी। शुरू के कुछ महीने तो क़िस्त देने में कोई दिक्कत नही हुई ,लेकिन धीरे-धीरे बैंक का पैसा खत्म होने लगा और इनका काम भी ठीक नही चल रहा था। फिर एक दिन अभि0 संतोष को पता चला की उसके पिताजी ने अपने 25-25 लाख रूपये के दो जीवन बीमा कराए हुए हैं, जिसमे अभि0 संतोष की माता नामिनी है। इन जीवन बीमा के बारे में घर में अभि0 संतोष व उसके पिताजी के अलावा किसी को नही पता था।

अभि0 संतोष का मसाला पैकेजिंग का काम है, जो उस समय अच्छा नही चल रहा था और आर्थिक तंगी हो गयी थी। अभि0 संतोष ने योजना बनायी कि यदि मैं अपने पिता जी को मार दू तो दोनों जीवन बीमा का पैसा लगभग 50 लाख रूपये मुझे मिल जायेगा और जो लोन हमने लिया था उसका भी 60 प्रतिशत बीमा कम्पनी द्वारा बैंक को भुगतान कर दिया जायेगा।
इसी लालच के कारण अभि0 संतोष ने अपने पिता की हत्या करने का पूरी योजना बना ली थी तथा घटना के दिन सुबह ही अभि0 संतोष ने योजनानुसार घर से ही सब्जी काटने वाला चाक़ू अपने बैग में रख लिया था और दोनो दिल्ली चले गये जहा वापसी में अभि0 संतोष द्वारा पूर्व योजनानुसार जानबूझकर पक्की सडक के रास्ते से न आकर सुनसान रहने वाली कच्ची सड़क ग्राम बिशवाना, थाना सिकन्द्राबाद पर स्कूटी लेकर चल दिया।
अभियुक्त द्वारा योजनानुसार ज्वार के खेत के पास स्कूटी रोकी और पिता जी से कहा की यहाँ पेशाब कर लीजिये, मृतक जैसे ही स्कूटी से उतरे और पेशाब करने लगे उसी समय अभि0 संतोष द्वारा अपने बैग से चाकू निकाला और पीछे से मृतक पर वार कर हत्या कर दी गई। अभियुक्त द्वारा उसी चाकू से अपनी छाती पर एक कट का निशाँन बनाया गया ताकि किसी को अभियुक्त पर शक न हो और घटना सच्ची लगे। अभि0 संतोष द्वारा वहां से 100 मीटर दूर समाधि के पास आकर खडा हो गया वही पर झाड में चाक़ू को छिपा दिया था।
योजनानुसार अभि0 संतोष ने अपने पिता मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया और मृत्यु के तीन महीने के अंदर ही जीवन बीमा का पैसा लगभग 50 लाख रूपये अपनी माता के बैंक के खाते में प्राप्त कर लिए।
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