Greater noida के जेवर इलाके के थोरा गांव से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां रैबीज से एक 40 वर्षीय महिला की मौत हो गई। महिला ने एक पागल कुत्ते द्वारा काटी गई गाय का दूध पिया था, जिसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी।बताया जा रहा है कि जांच में गाय में रैबीज की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद परिवार के अन्य सदस्यों ने तो रैबीज का टीका लगवा लिया, लेकिन मृतका सीमा ने टीका नहीं लगवाया था।जानकारी के मुताबिक मृतका 40 वर्षीय सीमा परिवार के साथ थोरा गांव में रहती थी। पड़ोस में एक गाय ने बछड़ा दिया था।
जिसको एक पागल कुत्ते ने काट लिया था। सीमा ने गाय के दूध का सेवन किया था। कुछ दिन बाद गाय में रैबीज का लक्षण दिखने लगा था। जिसके बाद जांच में रैबीज की पुष्टि हुई थी।

सोमवार को सीमा को रोशनी से डर लगने और उल्टी की शिकायत होने पर परिजन अस्पताल ले गए। लेकिन कई अस्पतालों ने भर्ती से मना कर दिया। आखिर में दिल्ली बसंतकुंज के एक अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने उसे रैबीज बताया और घर भेज दिया। हालांकि, गुरुवार को उसकी घर में ही मौत हो गई। इस घटना ने गांव और आसपास के इलाकों में आवारा कुत्तों से लोग डरे हुए है।

जेवर के रहने वाले त्रिलोक ने बताया कि जेवर क्षेत्र में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। न केवल थोरा गांव, बल्कि आसपास के गांवों में भी कुत्तों के काटने की घटनाएं रोजाना हो रही हैं, जिससे कई लोग घायल हो रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी रैबीज के इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हैं, जिसके कारण लोगों की जान को खतरा बना हुआ है। त्रिलोक ने संबंधित विभाग के अधिकारियों से रैबीज के इंजेक्शन उपलब्ध कराने की मांग की है।
वहीं, जेवर के एक अन्य निवासी दिनेश मास्टर ने इस घटना को दुखद बताते हुए कहा कि शासन-प्रशासन को इस मामले पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि गांव और कस्बों में आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर तत्काल उचित प्रबंध किए जाने की जरूरत है, ताकि लोगों की जान को खतरा न हो।
http://Noida कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर पुलिस का सराहनीय कार्य
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