Greater noida सीवर लाइन में लापरवाही से टॉयलेट सीट ब्लास्ट युवक गंभीर रूप से झुलसा

भारतीय किसान यूनियन ने दी धरना-प्रदर्शन की चेतावनी

 

Greater noida ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की कथित लापरवाही के कारण एक गंभीर हादसा सामने आया है। बीते 3 मई को दोपहर करीब 3:00 बजे मकान नंबर सी-364, सेक्टर 36 में 20 वर्षीय आशु नागर, पिता सुनील प्रधान, वॉशरूम में फ्रेश होने के लिए गए थे।

कमोड पर बैठकर फ्लश दबाने के दौरान अचानक जोरदार धमाका हुआ और कमोड में आग लग गई, जिससे आशु गंभीर रूप से झुलस गए। हादसे में कमोड सीट टूट गई और आसपास के शीशे भी चकनाचूर हो गए।आशु को तत्काल कासना स्थित जिम्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने मीथेन गैस को इस हादसे का कारण बताया। जिम्स हॉस्पिटल के डायरेक्टर ब्रिगेडियर डॉ. राकेश गुप्ता, प्रोफेसर डॉ. मोहित माथुर, सर्जरी हेड प्रोफेसर डॉ. सतेंद्र कुमार और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. कुलदीप नागर की टीम आशु का इलाज कर रही है। डॉक्टरों के अनुसार, आशु की हालत में सुधार हो रहा है और वह जल्द स्वस्थ हो सकता है।

भारतीय किसान यूनियन ने उठाया मुद्दा, प्राधिकरण को सौंपा ज्ञापन

हादसे के बाद भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं। यूनियन के नेता पवन खटाना ने बताया कि प्राधिकरण ने इस घटना पर अब तक कोई संज्ञान नहीं लिया है, न ही आशु के परिजनों से संपर्क किया गया और न ही हादसे की जांच शुरू की गई। आज, 9 मई 2025 को बीकेयू के पदाधिकारियों ने प्राधिकरण के ओएसडी अभिषेक पाठक को ज्ञापन सौंपकर इस मामले की गहन जांच और उचित कार्रवाई की मांग की। ज्ञापन सौंपने के दौरान रोबिन नागर, हरेंद्र भाटी, सुनील प्रधान, विनोद शर्मा, इंद्रेश, अजीत गैराठी सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।

प्राधिकरण की चुप्पी पर आक्रोश, धरना-प्रदर्शन की चेतावनी

पवन खटाना ने आरोप लगाया कि प्राधिकरण द्वारा बिछाई गई सीवर लाइन में लापरवाही के कारण मीथेन गैस का रिसाव हुआ, जिससे यह हादसा हुआ। उन्होंने कहा, “प्राधिकरण की उदासीनता के कारण ग्रेटर नोएडा शहर आग के गोले पर बैठा है। अगर इस मामले की जांच और कार्रवाई नहीं हुई, तो भारतीय किसान यूनियन 14 मई 2025, बुधवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ धरना-प्रदर्शन करेगी।

प्राधिकरण पर पहले भी उठ चुके हैं सवाल

Greater noida में सीवर लाइन और अन्य बुनियादी सुविधाओं को लेकर प्राधिकरण की कार्यशैली पर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। स्थानीय निवासियों और किसान संगठनों का कहना है कि प्राधिकरण की लापरवाही के कारण आए दिन ऐसी घटनाएं हो रही हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे।

जांच और कार्रवाई की मांग

भारतीय किसान यूनियन ने प्राधिकरण से मांग की है कि इस हादसे की तत्काल जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सीवर लाइन की गुणवत्ता और रखरखाव की जांच सुनिश्चित की जाए। यूनियन ने यह भी मांग की कि आशु के इलाज का खर्च और अन्य नुकसान की भरपाई प्राधिकरण द्वारा की जाए।

यह मामला अब स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बन चुका है, और प्राधिकरण की ओर से जल्द कार्रवाई न होने पर किसान संगठनों का आंदोलन और तेज होने की संभावना है।

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