सरकारी स्कूल के बच्चों को मिला AI का परिचय: ईएमसीटी ने दिखाई डिजिटल दिशा

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सरकारी स्कूल के  बच्चों को मिला AI का परिचय: ईएमसीटी ने दिखाई डिजिटल दिशा

 

बिसरख, 5 जुलाई, 2025

आज बिसरख स्थित छोटी मिलक प्राथमिक विद्यालय में एक अनूठा और भविष्योन्मुखी कार्यक्रम “फन विद एआई” (Fun with AI) का आयोजन किया गया, जिसने सरकारी स्कूल के Children बच्चों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की रोमांचक दुनिया से परिचित कराया।

ईएमसीटी (एथोमार्ट चैरिटेबल ट्रस्ट) द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में कक्षा 3 से 5 तक के Children बच्चों ने AI और मशीन लर्निंग के बुनियादी सिद्धांतों को समझा और डिजिटल युग में कदम रखने का एक महत्वपूर्ण अनुभव प्राप्त किया।

 

AI और मशीन लर्निंग का व्यावहारिक परिचय

कार्यशाला में तकनीकी विशेषज्ञ अमित गिरी ने बच्चों को AI और मशीन लर्निंग क्या होते हैं, ये कैसे काम करते हैं और रोज़मर्रा की ज़िंदगी में इनका कैसे उपयोग होता है, इसकी जानकारी दी। उन्होंने सरल और रुचिकर तरीके से समझाया कि कैसे AI हमारे स्मार्टफोन, ऑनलाइन शॉपिंग और यहां तक कि गेम खेलने में भी मदद करता है। बच्चों को यह जानकर आश्चर्य हुआ कि उनके आसपास की कितनी ही चीजें AI पर आधारित हैं। गिरी ने तकनीक को बच्चों के स्तर पर लाने के लिए उदाहरणों और खेलों का सहारा लिया, जिससे जटिल अवधारणाएँ भी आसानी से समझ में आ सकें।

एलेक्सा के साथ बातचीत: जिज्ञासा का विस्फोट

कार्यशाला का सबसे रोमांचक क्षण तब आया जब बच्चों को एमाजोन एलेक्सा से बातचीत करने का मौका मिला। बच्चों ने उत्साहपूर्वक एलेक्सा से सवाल पूछे – किसी ने गणित की पहेलियाँ हल करवाईं, किसी ने मज़ेदार चुटकुले सुने, तो किसी ने मौसम और सामान्य ज्ञान से जुड़े प्रश्न पूछे। बच्चों की जिज्ञासा और सक्रिय भागीदारी ने पूरे वातावरण को जीवंत बना दिया।

उनकी हंसी और “वाह!” की आवाजें यह दर्शा रही थीं कि वे कितनी तेज़ी से नई तकनीक को आत्मसात कर रहे हैं। यह अनुभव बच्चों के लिए न केवल मनोरंजक था, बल्कि इसने उन्हें प्रौद्योगिकी के साथ सीधे जुड़ने का एक अनूठा अवसर भी प्रदान किया।

AI के नुकसान और साइबर सुरक्षा पर चर्चा

“फन विद एआई” कार्यशाला केवल AI के फायदों तक ही सीमित नहीं थी। इसमें AI के संभावित नुकसानों और साइबर क्राइम जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी गंभीरता से चर्चा की गई। बच्चों को समझाया गया कि तकनीक का उपयोग करते समय सतर्कता और सावधानी बरतना कितना ज़रूरी है। उन्हें ऑनलाइन सुरक्षा के बुनियादी नियमों, जैसे अजनबियों से जानकारी साझा न करने और संदिग्ध लिंक्स पर क्लिक न करने के बारे में बताया गया। यह चर्चा बच्चों को डिजिटल दुनिया में जिम्मेदार नागरिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम थी।

ईएमसीटी की पहल और भविष्य की दिशा

इस अवसर पर ईएमसीटी की संस्थापक रश्मि पाण्डेय, गौतम बुद्ध नगर विकास समिति के सचिव अनूप कुमार सोनी, प्रधानाचार्य श्री इकरार अहमद और शिक्षिका श्रीमती शालिनी चक्रवर्ती उपस्थित रहीं।

रश्मि पाण्डेय ने कार्यक्रम के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “सरकारी स्कूलों के बच्चों को तकनीक से जोड़ना समय की ज़रूरत है। हमारा लक्ष्य है कि ये बच्चे भी डिजिटल युग में आत्मविश्वास से आगे बढ़ें और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहें।

” उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को मुख्यधारा की तकनीक से जोड़कर उनके लिए समान अवसर पैदा करते हैं, जिससे वे भविष्य में विभिन्न क्षेत्रों में अपना योगदान दे सकें।

ईएमसीटी का यह प्रयास डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में एक सराहनीय कदम है, जो यह दर्शाता है कि सही मार्गदर्शन और संसाधनों के साथ, सरकारी स्कूलों के बच्चे भी तकनीकी प्रगति का हिस्सा बन सकते हैं। यह कार्यशाला न केवल बच्चों के लिए एक सीखने का अनुभव थी, बल्कि यह उनके भविष्य के लिए एक नई डिजिटल दिशा भी निर्धारित करती है।

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