देश विरोधी कंटेंट पर नकेल कसने की तैयारी: सरकार ला रही नई Social media सोशल मीडिया पॉलिसी
नई दिल्ली: केंद्र सरकार Social media सोशल मीडिया पर देश के खिलाफ नफरत और दुष्प्रचार फैलाने वालों पर अब सख्ती से कार्रवाई करने वाली है. जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय एक नई पॉलिसी लाने की तैयारी में है, जिसके तहत देश विरोधी वीडियो या पोस्ट शेयर करने वाले लोग बच नहीं पाएंगे.
ऐसे हैंडल्स को ब्लॉक किया जाएगा और उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा. यह कदम देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने और ऑनलाइन दुष्प्रचार को रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.

संसदीय समिति को दी गई जानकारी
यह खबर तब सामने आई जब इंटेलिजेंस एजेंसियों के आला अधिकारियों ने गृह मंत्रालय की संसदीय कमेटी को इस बात की जानकारी दी. समिति को बताया गया कि देश के खिलाफ कई वेबसाइट्स और Social media सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगातार कंटेंट अपलोड किया जा रहा है, और ऐसे लोग अब कानून के दायरे से बच नहीं पाएंगे.
सरकार का मानना है कि Social media सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही देश विरोधी गतिविधियों पर अंकुश लगाना बेहद जरूरी है, खासकर उन तत्वों पर जो अलगाववाद और हिंसा को बढ़ावा देते हैं.
निगरानी के लिए विशेष टीम और सख्त कार्रवाई
संसदीय समिति को यह भी बताया गया कि देश विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों की Social media सोशल मीडिया पर निगरानी के लिए एक विशेष टीम बनाई जाएगी. यह टीम ऐसे लोगों की पहचान करेगी और उनके खिलाफ त्वरित और सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेगी.
खालिस्तानी अलगाववादी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू जैसे कई अन्य देश विरोधी लोग Social media सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं और लगातार नफरत फैलाने का काम करते रहे हैं. नई पॉलिसी के आने के बाद ऐसे तत्वों पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाया जा सकेगा, जिससे देश में शांति और सद्भाव बनाए रखने में मदद मिलेगी.
Social media सोशल मीडिया कंपनियों से समन्वय
केंद्र सरकार इस मुद्दे पर अमेरिकी सरकार और विभिन्न Social media सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से भी बात कर रही है. सरकार चाहती है कि Social media सोशल मीडिया कंपनियां अपने स्तर पर भी निगरानी करें और यह सुनिश्चित करें कि भारत विरोधी तत्व उनके प्लेटफॉर्म पर कंटेंट अपलोड न कर पाएं.
यह एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि Social media सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की अपनी आंतरिक नीतियां और मॉडरेटिंग सिस्टम होते हैं, जिनका उपयोग वे ऐसे कंटेंट को हटाने के लिए कर सकते हैं.सीबीआई, एनआईए, प्रदेश की पुलिस और आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी अन्य एजेंसियां भी भारत विरोधी तत्वों की कोशिशों को रोकने के लिए एक व्यापक रणनीति बनाने पर काम कर रही हैं, जिसे जल्द ही अमल में लाया जा सकता है. यह दर्शाता है कि सरकार इस चुनौती से निपटने के लिए एक समन्वित और बहुआयामी दृष्टिकोण अपना रही है.

हाल की घटनाओं से मिली चेतावनी
यह नीतिगत बदलाव हाल की कुछ घटनाओं के बाद और भी महत्वपूर्ण हो गया है. उदाहरण के लिए, पहलगाम में हुए आतंकी हमले और इसके बाद ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी सोशल मीडिया पर कई देश विरोधी पोस्ट शेयर किए गए थे.
इन घटनाओं ने सरकार को अलर्ट कर दिया कि देश के खिलाफ काम करने वाले लोग बड़ी संख्या में Social media सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं और देश के विरुद्ध वीडियो और कंटेंट फैला रहे हैं. यह नई पॉलिसी न केवल देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करेगी, बल्कि ऑनलाइन स्पेस को अधिक सुरक्षित और जिम्मेदार भी बनाएगी. यह सुनिश्चित करना कि Social media सोशल मीडिया का उपयोग नफरत और हिंसा फैलाने के बजाय रचनात्मक उद्देश्यों के लिए हो, सरकार की प्राथमिकता बन गई है. यह कदम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करते हुए, देश की सुरक्षा और सामाजिक सद्भाव को बनाए रखने के बीच संतुलन स्थापित करने का प्रयास करेगा.
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