पुलिसकर्मियों का सम्मान
पुलिस महानिदेशक महोदय द्वारा पुलिस कमिश्नरेट Gautam budh nagar में सराहनीय कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों की सराहना करते हुए उन्हे पुरस्कार/प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।जिनका विवरण निम्नवत् है-*डीसीपी मुख्यालय/प्रोटोकॉल श्री रवि शंकर निम,डीसीपी ग्रेटर नोएडा साद मियां खान, प्रभारी डीसीपी सेन्ट्रल नोएडा श्री शक्ति मोहन अवस्थी, प्रभारी डीसीपी साइबर श्रीमती प्रीति यादव, प्रभारी निरीक्षक थाना फेस 2 श्री विंध्याचल तिवारी
प्रभारी निरीक्षक थाना बिसरख श्री मनोज कुमार सिंह, प्रभारी निरीक्षक थाना दादरी श्री अरविन्द कुमार सिंह, थाना प्रभारी नॉलेज पार्क श्री विपिन कुमार, प्रभारी निरीक्षक अपराध शाखा श्री राधा रमण सिंह, उ0नि0 अभ्येन्द्र सिंह थाना फेस 1, आरक्षी यातायात जसवीर सिंह, आरक्षी आदित्य कुमार थाना सूरजपुर, आरक्षी प्रदीप कुमार डायल 112, म0आरक्षी सीमा डायल 112, आरक्षी सचिन कुमार डायल -112, मु0आ0म0 प्रियंका अरोरा, फायरमैन आकाश तोमर थाना फेस 2, आरक्षी मनीष कुमार थाना फेस 1, आरक्षी पुष्पेन्द्र थाना फेस 1, मु0आ0 दिवाकर गौड डॉग हैंडलर जीनर, मु0आ0 जितेन्द्र मलिक डॉग हैंडलर जीनर, मु0आ0 वीरेन्द्र मलिक डॉग हैंडलर जीनर।
पुलिस महानिदेशक महोदय द्वारा लोकार्पण कार्यक्रम में अपने संबोधन में बताया कि यह अवसर महज पुलिस infrastructure के लोकार्पण का नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश में बदलते सुरक्षा दृष्टिकोण और कम्यूनिटी पुलिसिंग के नये युग की झलक है।
हम सब गौरवान्वित हैं कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के परिकल्पित स्मार्ट पुलिस
(Strict & Sensitive, Modern & Mobile, Alert & Accountable, Reliable & Responsive) के विज़न को माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के यशस्वी नेतृत्व में उत्तर प्रदेश पुलिस साकार करने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। उत्तर प्रदेश जैसे विशाल और गतिशील राज्य में कमिश्नरेट प्रणाली की स्थापना लंबे समय से लंबित थी, लेकिन यह सुधार स्वतंत्रता के बाद पहली बार माननीय मुख्यमंत्री जी की राजनीतिक इच्छाशक्ति, प्रशासनिक दूरदृष्टि और साहसिक निर्णय क्षमता के कारण ही संभव हो पाया। आज लखनऊ, नोएडा, वाराणसी, आगरा, गाजियाबाद और प्रयागराज, कानपुर जैसे नगरों में लागू कमिश्नरेट प्रणाली ने उत्तर प्रदेश में सक्रिय, उत्तरदायी और पारदर्शी पुलिसिंग के नए मानक स्थापित किए हैं।
इससे अपराध नियंत्रण में सफलता के साथ ही जनता का पुलिस पर विश्वास सशक्त हुआ है। इस परिवर्तन में गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट ने अग्रणी भूमिका निभाई है व पुलिस कमिश्नर श्रीमती लक्ष्मी सिंह जी को विशेष रूप से बधाई देना चाहता हूँ, जिन्होंने नोएडा पुलिस को न केवल उत्कृष्ट नेतृत्व प्रदान किया, बल्कि महिला सशक्तिकरण के नए प्रतिमान भी स्थापित किए। उनकी उत्तर प्रदेश की पहली महिला पुलिस कमिश्नर के रूप में नियुक्ति मिशन शक्ति अभियान की मूल भावना को साकार करती है। उन्होंने मिशन शक्ति अभियान के प्रारंभिक वाहक के रूप में महिला सशक्तिकरण को राज्य की सुरक्षा नीति का अभिन्न हिस्सा बनाया।
Gautam budh nagar पुलिस ने पिछले कुछ वर्षों में कई मोर्चों पर उल्लेखनीय सफलताएँ अर्जित की हैं, चाहे वह गैंगस्टर एवं माफिया नेटवर्क पर कठोर कार्रवाई हो, साइबर अपराध के विरुद्ध विशेष अभियान, ड्रग्स और अवैध शराब के खिलाफ निर्णायक कदम, अवैध कॉल सेंटरों का पर्दाफाश, या फिर वैश्विक आयोजनों की उत्कृष्ट सुरक्षा व्यवस्था। इसके साथ-साथ महिला सुरक्षा हेतु पिंक बूथ्स की स्थापना, थानों में वीडियो वॉल्स की शुरुआत, त्वरित रिस्पॉन्स के लिए मॉडर्न वाहनों का समावेश, और जेवर एयरपोर्ट जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं में भागीदारी ने नोएडा पुलिस को पूरे राज्य में एक मॉडल फोर्स के रूप में स्थापित किया है।
आज का यह कार्यक्रम, जिसमें यामाहा ग्रुप ने अपने सीएसआर के तहत पुलिस बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने में सहयोग दिया है, यह एक आदर्श साझेदारी का उदाहरण है। मैं याकोहामा समूह का हृदय से धन्यवाद करता हूँ। श्रीमान पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश महोदय द्वारा मंच से अन्य कॉर्पाेरेट समूहों, औद्योगिक संस्थानों और स्टार्टअप्स से भी आह्वान किया कि वे आगे आएँ और पुलिसिंग को सहयोग देकर राज्य की सुरक्षा एवं सुशासन में भागीदार बनें। पुलिसिंग अब सिर्फ कानून व्यवस्था तक सीमित नहीं है, यह समाज और उद्योग दोनों की साझा जिम्मेदारी बन चुकी है।
सम्बोधन के अंत में Gautam budh nagar पुलिस के समस्त अधिकारियों, कर्मचारियों एवं विशेष रूप से पुलिस कमिश्नर श्रीमती लक्ष्मी सिंह जी को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए हार्दिक बधाई दी। उत्तर प्रदेश पुलिस आज एक नए युग में प्रवेश कर चुकी है- जहाँ संवेदनशीलता के साथ सख़्ती है, तकनीक के साथ मानवीय दृष्टिकोण है, और परंपरा के साथ नवाचार है व बताया कि हम सभी को मिलकर एक ऐसा उत्तर प्रदेश बनाना है जो सुरक्षित हो, सशक्त हो और समाज के हर वर्ग को सुरक्षा का भरोसा दे।
आठ वर्षों में कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर में लूट के मामलों में 94.33 प्रतिशत की कमी, घर में सेंधमारी के मामलों में 71.43 प्रतिशत कमी व वाहन चोरी के मामलों में 50.11 प्रतिशत कमी, हत्या के मामलों में 36.56 प्रतिशत कमी व बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों में 71.43 प्रतिशत की कमी आयी है।