उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में उप कृषि निदेशक आशीष कुमार ने बताया
कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा धान की पराली को जलाना दंडनीय अपराध घोषित किया गया है।
सेटेलाइट से प्राप्त सूचना के आधार पर जनपद की तहसील कसया के ग्राम बसड़ीला टप्पा भलुआ के
तीन किसान द्वारा धान की फसल के अवशेष जलाने का प्रकरण संज्ञान में आने एवं स्थलीय सत्यापन
पुष्टि होने पर जिलाधिकारी द्वारा संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए। जिस पर कार्यवाही करते
हुए तहसीलदार कसया ने तीन किसानों पर रुपए 2500-2500 का जुर्माना लगाया है। धान की फसल के
अवशेष के संबंध में किसानों से अपेक्षित है कि वे पराली को खेत में ही बायो डिकंपोजर या यूरिया की
मदद से सड़ा कर खाद बना दें या फसल अवशेष प्रबंधन यंत्रों की मदद से सीधे ही नई फसल की बुवाई
करें। इसके अलावा धान की पराली को गौशालाओं में दान भी किया जा सकता है। जिलाधिकारी द्वारा
सभी संबंधित विभागों यथा कृषि, राजस्व, पंचायती राज, गन्ना, पशुपालन एवं ग्राम्य विकास विभाग के
अधिकारियों को पराली जलने की घटनाओं पर अंकुश लगाने एवं दोषी जनों के विरुद्ध तत्काल कार्यवाही
करने के निर्देश दिए गए। जिस गांव में पराली जलने की घटना पाई जाएगी वहां के ग्राम प्रधान,
लेखपाल एवं क्षेत्रीय कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए कठोर कार्यवाही की जाएगी|