न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर किसानों के आंदोलन
को शुक्रवार भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) के पदाधिकारियों ने समर्थन दिया। इसके बाद
पदाधिकारी ईस्टर्न पेरिफेरल के डासना पूर्वी टोल पर पहुंचें और उसे फ्री करा दिया। सूचना पर पुलिस बल
मौके पर पहुंचा और पदाधिकारियों से ज्ञापन लिया। इस दौरान करीब तीस मिनट तक टोल फ्री रहा।
गाजियाबाद में महानगर अध्यक्ष एडवोकेट दीपक शर्मा और जान मोहम्मद वासी के नेतृत्व में पदाधिकारी
शुक्रवार दोपहर करीब सवा 12 बजे डासना के पूर्वी टोल पर एकत्रित हुए। राष्ट्रीय महासचिव मास्टर
मनोज नागर ने कहा कि सरकार ने वरिष्ठ पदाधिकारी के घर पर पुलिस फोर्स लगा रखा है और उन्हें
भी चार दिन से नजरबंद कर रखा है। यह अनुचित है। पदाधिकारियों ने एमएसपी की मांग को लेकर चल
रहे किसान आंदोलन का समर्थन किया और विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए ज्ञापन दिया। इस
दौरान किसानों ने यूरिया के कट्टे का वजन कम नहीं करने, तेलंगाना सरकार की तर्ज पर 12000 रुपये
प्रति एकड़ वार्षिक अनुदान, वाहनों की उम्र किलोमीटर के हिसाब से रद्द करने, बिजली के पोल और
जर्जर लाइन की मरम्मत, चकबंदी विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे,
दिल्ली-मेरठ हाईवे का बकाया मुआवजा तुरंत देने की मांग की।
इसके अलावा जिले में हाइटेक सिटी सनसिटी द्वारा किसानों के साथ किए समझौते को लागू करने,
कारखानों और फैक्टरी लगाने पर 80 प्रतिशत रोजगार स्थानीय लोगों को देने, प्रदेश में मोदीनगर शुगर
मिल, निजी बैंक द्वारा कर्ज लेने वाले लोगों का शोषण बंद करने और सेना में अग्निवीर व्यवस्था को
बंद कर पहले जैसी भर्ती को चालू करने की मांग की गई।