किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने बुधवार को कहा कि वे फसलों
के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र के
साथ बातचीत के लिए तैयार हैं।
डल्लेवाल ने मीडिया में आई खबरों का हवाला देते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपने
बयान में कहा है कि केंद्र किसानों के साथ बातचीत के लिए तैयार है और किसानों के मुद्दों को हल
करने के लिए भी तैयार है।
डल्लेवाल ने यहां शंभू बार्डर पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम केंद्र सरकार को यह
कहने के लिए कोई गुंजाइश नहीं देना चाहते कि वह हमें आमंत्रित कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार
नहीं किया। जिसे हमने स्वीकार कर लिया है और हम बातचीत के लिए तैयार हैं।”
उन्होंने कहा कि किसान नेताओं ने सरकार के साथ बातचीत के लिए साथी किसानों की सहमति ली है।
भारतीय किसान यूनियन (एकता सिधुपुर) के अध्यक्ष डल्लेवाल ने कहा, ‘‘उनकी सहमति के बाद हम
बातचीत करेंगे। हमारी प्राथमिकता है कि यह बातचीत चंडीगढ़ में हो। यदि केंद्र ने यह सब देखने के बाद
सुझाव दिया है और कहा है कि वे हमारे मुद्दों का समाधान करने के लिए तैयार हैं तो हमें उनकी बात
सुननी चाहिए।”
डल्लेवाल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्हें अभी तक बातचीत के लिए कोई निमंत्रण नहीं मिला
है। उन्होंने पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के लिए
केंद्र की भी आलोचना की।
हालांकि, डल्लेवाल ने हरियाणा पुलिस के उन दावों का खंडन किया कि प्रदर्शनकारी किसानों ने
सुरक्षाकर्मियों पर पथराव किया था।
किसान नेता अब तक सरकार से दो बार बातचीत कर चुके हैं। सबसे पहले किसानों ने केंद्रीय मंत्री पीयूष
गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय से बातचीत की थी। जबकि किसानों और सरकार के बीच दूसरे
दौर की बातचीत चंडीगढ़ में हुई थी। ये दोनों बैठक बेनतीजा रहीं हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा अपनी मांगों को स्वीकार कराने के लिए
केंद्र पर दबाव बनाने के वास्ते ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। किसान संगठन न्यूनतम
समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने
की मांग कर रहे हैं।