विदेश भेजने के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले एक गैंग का नई
दिल्ली जिला पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इनमें से तीन आरोपियों को जालंधर से, जबकि दो
को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। इनके पास से 235 फर्जी वीजा और 8.5 लाख रुपये नकद बरामद हुए
हैं। आरोपियों की पहचान सूरज बाहरी, अश्वनी कुमार, जसविंदर सिंह, मनीश शर्मा और जितेन्द्र कुमार के
रूप में हुई है।
डीसीपी देवेश महला के अनुसार कुलविंदर सिंह ने कनॉट प्लेस थाने में कबूतरबाजी की
शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि 20 जनवरी को चंडीगढ के एक मॉल में उनकी मुलाकात कुछ
लोगों से हुई। उन्होंने 18 लाख रुपये में उसे कनाडा भेजने का वादा किया। उन्होंने दस्तावेजों के लिए
उन्हें 9.30 लाख रुपये दे दिए।
बीते फरवरी में आरोपियों ने उसे बताया कि दस्तावेज एवं विमान की
टिकट तैयार है। बीते 24 फरवरी को वह कनॉट प्लेस स्थित आंध्रा कैंटीन में उनसे मिला। कुलविंदर ने
उन्हें बकाया 9 लाख रुपये दे दिए। आरोपियों ने उसे 20 मिनट के बाद आरएमएल अस्पताल के बाहर
आने को कहा,
लेकिन तब तक उनके मोबाइल बंद हो गए थे। स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर संजय गुप्ता
की देखरेख में एसआई प्रभात और प्रवीण यादव ने सीसीटीवी फुटेज खंगाली और टेक्निकल सर्विलांस की
मदद ली।
इसकी मदद से जालंधर से सूरज बाहरी, अश्वनी कुमार और जसविंदर सिंह को गिरफ्तार कर
लिया गया। सूरज ने बताया कि दिल्ली में मनीष शर्मा फर्जी वीजा तैयार करता है। इसके बाद मनीष
और उसके साथी जितेन्द्र को गिरफ्तार कर लिया।