नोएडा, लोकसभा चुनाव में सक्रिय हुई थाना ईकोटेक-3 पुलिस व क्राइम डिटेक्शन
टीम सेन्ट्रल नोएडा जोन ने एक सूचना के आधार पर आज अवैध शस्त्र बनाने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश
करते हुए 4 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है।
बदमाशों के कब्जे से भारी मात्रा में अवैध शस्त्र तथा
अवैध शस्त्रों के अर्ध निर्मित कलपुर्जे एवं कल पुर्जे तैयार करने का रॉ मटेरियल और यन्त्र आदि बरामद
हुआ है।
बदमाश कई वर्षों से अवैध रूप से असलहा बनाकर दिल्ली एनसीआर में बेच रहे थे।
थाना ईकोटेक-3 पुलिस ने आज तड़के अवैध रूप से शस्त्र बनाने वाले एक गैंग के चार लोगों को
गिरफ्तार किया है। इनके पास से पुलिस ने भारी मात्रा में बने हुए देसी तमंचे, पिस्तौल और अवैध
हथियार बनाने में उपयोग होने वाला उपकरण और सामग्री बरामद किया है।
थाना ईकोटेक-3 के प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र शुक्ला ने बताया कि आज सुबह वह खेडा चौगानपुर गोल
चक्कर पर बैरियर लगाकर पुलिस टीम के साथ चेकिंग कर रहे थे, तभी एक लाल रंग की ब्रेजा कार
आती हुई दिखाई दी,
जिस पर नंबर प्लेट नहीं लगी थी। उन्होंने बताया कि शक होने पर जब पुलिस ने
कार को रोका तो उसमें सवार शाहफहद उर्फ शानु, बादल, शिवम पाल तथा सादिक नामक चार लोग
मिले। उन्होंने बताया कि तलाशी लेने पर उनके पास से एक पिस्तौल और तीन तमंचा बरामद हुआ है।
उन्होंने बताया कि जब इनसे सख्ती से पूछताछ की गई तो इन्होंने बताया कि ये लोग अवैध हथियार
बनाने की फैक्ट्री चलाते हैं, तथा उनकी कार की डिग्गी में बने और अधबने अवैध हथियार रखे हैं।
उन्होंने बताया कि जब पुलिस ने कार की डिग्गी खोल कर देखा तो उसमें से करीब पांच बने हुए देसी
तमंचे तथा तमंचे बनाने में प्रयोग होने वाले उपकरण और सामग्री बरामद हुई है। उन्होंने बताया कि
पूछताछ के दौरान शाहफहद उर्फ शानू ने पुलिस को बताया कि वह जनपद बुलंदशहर का रहने वाला है।
गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र में उसने अपनी पत्नी हीना के नाम से एक फैक्ट्री लगाई है। उक्त फैक्ट्री
में वह दिखाने के लिए खराद और लेथ का काम करता है, लेकिन उसकी आड़ में वह अवैध हथियार
बनाते हैं। इससे पूर्व भी उक्त बदमाश और इसके साथियों को यूपीएसटीएफ ने गिरफ्तार किया था।
आरोपी ने पुलिस को बताया है कि वह देसी तमंचे को 10 से 15 हजार रुपए के बीच बेच देता है, जबकि
पिस्टल करीब 80 हजार रुपए में बेचता है। उसने अवैध हथियार बनाने के लिए लाखों रुपए कीमत की
अत्याधुनिक मशीन लगा रखी है। उन्होंने बताया कि पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि
बदमाशों ने अब तक किन-किन लोगों को अवैध असलहा बेचा है।
डीसीपी जोन-2 सुनीति ने बताया कि शाह फहद उर्फ शानु ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में 2011 में
डिप्लोमा किया है। उसने अपनी पत्नी के नाम पर लियोप्रडा इंडिया इंडस्ट्रीज नामक कंपनी खोली। इस
गैंग ने गाजियाबाद में मोर्टा इंडस्ट्रियल एरिया में अपना एक प्लॉट लेकर कंपनी खोल रखी है। इस गैंग
का मुख्य काम अवैध शस्त्र निर्माण के कल पुर्जे तैयार करना है। अभियुक्त ऑन डिमांड हथियार बनाकर
सप्लाई करते थे। उन्होंने बताया कि पहले यह कंपनी एसएचआर इंडिया इंडस्ट्रीज के नाम से थी, जिसका
मालिक शाह फहद उर्फ शानु था।
जुलाई 2023 में एसटीएफ की कार्रवाई के बाद फैक्ट्री का नाम बदल
दिया गया। अभियुक्तों ने फैक्ट्री को बुलंदशहर में स्थापित करने की योजना बनाई थी।