लखनऊ, हाल ही में वित्तीय वर्ष 31 मार्च को क्लोजिंग के बाद प्रदेश सरकार के
तहत अधीन कर संचयन और कर निर्धारण से जुड़े कई अहम विभागों के वार्षिक राजस्व संकलन का
आंकड़ा सामने आया।
इसमें कुल मिलाकर अबकी बार वित्तीय वर्ष में सूबे के आबकारी विभाग ने रिकॉर्ड
तोड़ बीते साल की अपेक्षा तकरीबन चार हजार करोड़ रुपये से अधिक का उछाल मारा।
विभागीय जानकारी के तहत 31 मार्च 2024 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में अबकी बार आबकारी विभाग
ने 45 हजार 568.63 करोड़ रुपये राजस्व अर्जित किये। जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में आबकारी विभाग
का यह आंकड़ा 41 हजार 252.24 करोड़ रुपये, यानी इस बार कुल मिलाकर आबकारी विभाग ने कुल
4316.39 करोड़ रुपये अधिक राजस्व प्राप्त किये।
वैसे गौर हो कि कोरोनाकाल बीतने के बाद अब
सामान्य दिनों में यह उक्त विभाग के वार्षिक राजस्व प्राप्ति में एक उपलब्धि मानी जा रही है।
वहीं विभागीय जानकारों की मानें तो इस राजस्व वृद्धि में जो प्रमुख आय प्राप्त करने वाले जनपद हैं
उनमें गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी आदि शामि तो हैं ही और इसके
अलावा अन्य जनपदों में जो अवैध शराब की गतिविधियों को लेकर लगातार अभियान चलाया जा रहा है
उससे भी अधिकृत मदिरा दुकानों की सेल में उत्तरोत्तर बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है जोकि सीधे तौर पर
आबकारी राजस्व बढ़ाने में अहम भूमिका अदा कर रही है।