भारत ने इस साल 75वां गणतंत्र दिवस मनाया है। ये हर भारतीय के लिए बहुत खास दिन होता है। इसलिए सभी लोग इस दिन अपने दोस्तों और परिवार को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं व बधाई देते हैं। लेकिन बुलंदशहर में एक व्यक्ति ने देश के लिए कुछ करने व बधाई देने का अलग ही तरीका निकाला है।
ई रिक्शा पर देश के महापुरुषों की तस्वीरें लगाकर सवारियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया। वही लोगों ने कहा कि 26 जनवरी के दिन इस तरह से कार्य करना ई रिक्शा चालक के देश के प्रति प्रेम को दर्शाती है। इस व्यक्ति ने 26जनवरी 75वें गणतंत्र दिवस पर ई रिक्शा पर सवारीयो को फ्री में उनके गंतव्य तक पहुंचाने का संकल्प लिया। इस ई रिक्शा चालक की नगर में चारों तरफ प्रशंसा हो रही है। देश के प्रति देश भक्ति के इस के जज्बे को लोग सलाम कर रहे हैं।
गणतंत्र दिवस हर साल 26 जनवरी को हमारे देश में बहुत खुशी और गर्व के साथ मनाया जाता है। आज ही के दिन 1950 में भारतीय संविधान लागू हुआ था। हम सभी जानते हैं कि भारत को स्वतंत्रता 15 अगस्त 1947 को मिली थी, लेकिन राष्ट्र का अपना कोई संविधान नहीं था। इसी दिन यानी 26 जनवरी 1950 को हमारे देश का संविधान लागू हुआ था जिसे बाबा साहब डॉक्टर भीम राव अंबेडकर ने बनाया था। आज इसी संविधान के वजह से हमारा देश पूर्ण गणतंत्र है। इस दिन सबसे पहले भारत के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति पर देश के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं। एक लोकतांत्रिक देश में रहना हम सबके लिए गर्व की बात है।
बुलंदशहर में गणतंत्र दिवस के दिन ई रिक्शा चलाकर सवारियों को फ्री में उनके गंतव्य तक पहुंचाने का कार्य कर रहे विजेंद्र सिंह ने बताया कि मेरा मकसद एक सच्चे राष्ट्रभक्त की तरह देश को एक बेहतर जगह बनाने में योगदान देते रहना है। गणतंत्र दिवस मेरे व सभी देशवासियो लिए सम्मान की भावना है क्योंकि भारत को 1950 में ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिली और ‘पूर्ण स्वराज’ मिला। 26 जनवरी का हमारे देश के लिए बहुत महत्व है। इसी दिन 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वतंत्रता की मांग की घोषणा की थी। उसके बाद उसी दिन 1950 में भारत एक गणतंत्र के रूप में अस्तित्व में आया।
गणतंत्र दिवस हम सभी भारतीयों के अंदर हर्ष, उल्लास और नए सोच का संचार करता है। देशवासियों को यह संकल्प लेने के लिए भी प्रेरित करता है कि वो अमर शहीदों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देंगे और अपने देश की रक्षा, गौरव और उत्थान के लिए सदा समर्पित रहेंगे।