मेट्रो हार्ट इंस्टीट्यूट नोएडा के डाक्टरों ने जापानी कंपनी की तकनीक
एनाकोंडा ग्राफ्ट का इस्तेमाल कर एल्डोमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म की सर्जरी की है। उत्तर प्रदेश में यह
अपनी तरह की पहली सर्जरी है। 58 वर्षीय पुरूष मरीज की इस एडवांस तकनीक से मदद कर यह सर्जरी
की गयी है।
मेट्रो हॉस्पिटल नोएडा में चीफ कार्डिएक सर्जन डॉ. जीवन पिल्लई के नेतृत्व में मरीज की ओपन हार्ट
सर्जरी यानी बायपास सर्जरी की गई थी। ये सर्जरी कुछ महीने पहले हुई थी और मरीज ने पूरी तरह से
रिकवर कर लिया था, लेकिन उन्हें पेट में समस्या होने लगी, कोई खास लक्षण नजर नहीं आया और
हालात ये हो गए कि तुरंत मेट्रो हार्ट इंस्टीट्यूट में भर्ती कराना पड़ा। मरीज का सीटी-एंजियोग्राम किया
गया तो बड़े एब्डोमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म का पता चला। ये एक जानलेवा समस्या थी, जिसमें पेट की
महाधमनी या एब्डोमिनल एओर्टा काफी फैल जाती है। अगर इलाज न किया जाए तो इसके टूटने का
खतरा रहता है।
मेट्रो ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स में डायरेक्टर, सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट, ग्रुप डायरेक्टर कैथ लैब
डॉक्टर समीर गुप्ता के नेतृत्व में मेडिकल टीम ने मरीज की एंडोवैस्कुलर एन्यूरिज्म रिपेयर (श्वङ्क्रक्र)
सर्जरी का फैसला लिया। ये एक मिनिमली इनवेसिव प्रक्रिया होती है जिसमें ग्रोइन एरिया यानी कूल्हे के
निचले हिस्से और जांघ वाले क्षेत्र में एक छोटा कट लगाया जाता है।
डॉ. जीवन पिल्लई के साथ डॉक्टर समीर गुप्ता ने पूरी प्रक्रिया के दौरान पांच स्किल्ड डॉक्टरों की टीम
को गाइड किया। इस सर्जरी की सबसे खास बात ये थी कि इसमें जापानी मेडिकल कंपनी टेरुमो के
बनाए एनाकोंडा ग्राफ्ट को लगाया गया।
इस ग्राफ्ट का उपयोग उत्तर प्रदेश में पहले कभी नहीं किया गया
है। डॉ. समीर गुप्ता ने प्रेसवार्ता में बताया कि ये सर्जरी सफल साबित हुई। इसमें मरीज का सही से
ट्रीटमेंट हुआ मुख्य रक्त वाहिका के टूटने का खतरा भी इसमें नहीं रहा।