बरसात के मौसम में तो नालों में बहता पानी भी उजला दिखताहै लेकिन दिल्ली सरकार की घोर लापरवाही के चलते Yamuna का पानी भी रंग बदलता नहीं दिख रहाऔर पहले की भांति ही प्रदूषित प्रतीत होता है। यह कहना है दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के डेलिगेटयुवा कांग्रेस नेता सुमित शर्मा का। सुमित शर्मा कहते हैं पिछले दस साल के भीतर Yamuna की सफाईके नाम पर हजारों करोड़ रूपये बहाए गए लेकिन Yamuna की हालत सुधरने की बजाये और बिगडतीगई।
सुमित शर्मा कहते हैं मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का यह दावा कोरा कागजी साबित हुआ जोउन्होंने कहा था वे दिल्ली के लोगो के साथ स्वच्छ एवं निर्मल यमुना में डुबकी लगायेगें। उन्होंने Yamuna में तो डुबकी लगाई नहीं अपितु तिहाड़ जेल के पानी में जरुर डुबकी लगा रहे हैं। सुमित शर्माकहते हैं यमुना में बढ़ते प्रदूषण से पानी के सफेद दिखने पर दिल्ली सरकार को चिंता नही प्रदूषणनियंत्रित करके अमोनिया के स्तर को कम करने के उपाय करने चाहिए। 1370 किमी लम्बी यमुनापल्ला से कांलिदी कुंज तक 22 किमी दिल्ली में बहती है
Yamuna
जिस पर जलापूर्ति के लिए दिल्ली की ढाईकरोड़ जनसंख्या निर्भर है। उन्होंने कहा कि वजीराबाद से कालिंदी कुंज तक 22 किमी के हिस्से में76 प्रतिशत प्रदूषण इसी हिस्से में होता है। उन्होंने कहा कि बढ़ते जल प्रदूषण को नियंत्रित करने में
फेल केजरीवाल दिल्ली की ढ़ाई जनसंख्या के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है। सुमित शर्मा कहतेहैं कि पिछले कुछ दिनों से यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ने के कारण दिल्ली मानसून में भी जलसंकट का सामना कर रही है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के जल सयंत्रों में 0.9 पीपीएम (पार्ट्स परमिलियन) तक अमोनिया शोधित करने की क्षमता है और वजीराबाद जलाश्य में अमोनिया का स्तर2.3 पार्टस पर मिलियन से अधिक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि बढ़ते अमोनिया के कारण मुनकनहर से क्षमता से कम पानी मिल है, जिससे वजीराबाद, चंद्रावल, हैदरपुर और बवाना का जल संयत्रपूरी तरह प्रभावित हो रहे है।
प्रतिदिन 52 एमजीडी पानी कम मिलने के कारण बाहरी दिल्ली, मध्यदिल्ली और पश्चिमी दिल्ली के कई क्षेत्र पेयजल संकट झेल रहे है।
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