उत्तर प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में अब नहीं चलेगी लापरवाही: Deputy CM Brijesh Pathak/डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने दिए सख्त निर्देश
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों और स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं।
इन निर्देशों के तहत, अब सभी मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों के प्राचार्यों और निदेशकों के लिए प्रतिदिन वार्ड का स्वयं निरीक्षण (राउंड) लेना अनिवार्य होगा।इस निरीक्षण के दौरान ली गई तस्वीरें और विस्तृत रिपोर्ट्स को संबंधित विभाग को भेजना भी आवश्यक होगा।

युवाओं को प्रेरित करने और व्यवस्थाएं सुधारने पर जोर
योगी सरकार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके भविष्य को लेकर चिंतित है, और उन्हें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही है। इसी कड़ी में, Deputy CM Brijesh Pathak/ डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने विभिन्न मेडिकल कॉलेजों का औचक निरीक्षण किया।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि युवाओं को उनकी पढ़ाई या प्रशिक्षण से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े, जिसके लिए पुख्ता व्यवस्थाएं पहले से ही सुनिश्चित की जानी चाहिए। सरकार का मानना है कि बेहतर शिक्षा और प्रशिक्षण ही गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की नींव है।
लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं
Deputy CM Brijesh Pathak/ डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने अपने निरीक्षण के दौरान यह स्पष्ट कर दिया कि मेडिकल कॉलेजों और स्वास्थ्य संस्थानों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने जोर देकर कहा कि यूपी के सभी मेडिकल कॉलेज, कानपुर के हृदय रोग संस्थान और जेके कैंसर इंस्टीट्यूट में इलाज की व्यवस्था को और अधिक दुरुस्त किया जाएगा। इन निर्देशों के पालन में किसी भी तरह की कोताही या ढिलाई स्वीकार्य नहीं होगी, और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बैठकों से हटकर सीधे जमीनी हकीकत का जायजा
Deputy CM Brijesh Pathak/डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने संबंधित विभागों के शिक्षकों और अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे हर दिन खुद वार्ड राउंड पर जाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्राचार्य और निदेशक केवल बैठकों और फाइलों तक ही सीमित न रहें, बल्कि वे सीधे मरीजों के इलाज की स्थिति, साफ-सफाई और अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लें। निरीक्षण के दौरान की गई तस्वीरों को सबूत के तौर पर भेजना अनिवार्य किया गया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अधिकारियों की जमीनी हकीकत पर लगातार नजर बनी रहे और कागजों पर की गई कार्यवाही केवल खानापूर्ति न हो।

गुणवत्तापूर्ण इलाज और जवाबदेही बढ़ाना मुख्य लक्ष्य
Deputy CM Brijesh Pathak / डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने बताया कि इस महत्वपूर्ण निर्णय का मुख्य मकसद सरकारी अस्पतालों में इलाज की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। उनका कहना है कि मरीजों को बेहतर सुविधाएँ, उच्च स्तर की स्वच्छता और प्रभावी इलाज मिल सके, इसके लिए अब सीनियर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जा रही है। यह जिम्मेदारी तय करने से सिस्टम में जवाबदेही बढ़ेगी और मरीजों को वास्तव में इसका लाभ मिल पाएगा।
चिकित्सा प्रमुख को भी सख्त निर्देश
Deputy CM Brijesh Pathak/ डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के निर्देश पर चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, पार्थ सारथी सेन शर्मा ने यह आदेश जारी किए हैं। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि कोई प्राचार्य या निदेशक किसी दिन किसी कारणवश वार्ड का राउंड नहीं ले पाते हैं, तो उनके स्थान पर उप प्राचार्य या सीएमएस (मुख्य चिकित्सा अधीक्षक) अनिवार्य रूप से राउंड लेंगे।
राउंड के समय सुरक्षा अधिकारी और सफाई सुपरवाइजर भी उनके साथ रहेंगे, ताकि किसी भी तरह की कमी मिलने पर उसका तत्काल निस्तारण किया जा सके और व्यवस्थाओं को तुरंत सुधारा जा सके।
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